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DHAR. धार शहर के भगवान धारनाथ मंदिर को धारेश्वर लोक के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए तीन करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। मंदिर के पिछले हिस्से में 1500 क्षमता वाला सत्संग भवन बनेगा।
महाकाल लोक की तर्ज पर धारेश्वर लोक निर्माण होगा। काम अलग-अलग चरणों में पूरा होगा। थ्रीडी वॉक थू प्रोजेक्ट के अनुसार निर्माण होगा। बुधवार को जिला प्रशासन ने समरोह का आयोजन किया। वीडियो प्रेजेंटेशन के जरिए लोक निर्माण की तस्वीर पेश की गई।
धारेश्वर लोक निर्माण की दी गई जानकारी
आयोजित सम्मेलन में धारेश्वर लोक निर्माण की जानकारी वीडियो प्रेजेंटेशन से दी गई। इसे जनता और जनप्रतिनिधियों ने सराहा। बीडी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके अनुसार काम होगा। कार्यक्रम में महंत नीलेश भारती, एसडीएम राहुल गुप्ता और अन्य नागरिक मौजूद थे।
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कैसा रहेगा मंदिर?
धारेश्वर लोक निर्माण में मुख्य मंदिर पुराने स्वरूप में रहेगा। मंदिर के पिछले हिस्से और पास की जगह पर निर्माण होगा। सुंदर गार्डन, लाइटिंग और अन्य आकर्षण लगाए जाएंगे। इससे भक्तों को आनंद की अनुभूति होगी।
शहर का तेजी से हो रहा विकास: विधायक
धार विधायक नीना वर्मा ने इस दिशा में लगातार प्रयास किए गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष कई बार मांग रखी थी। विधायक ने कहा कि बाबा धारनाथ के आशीर्वाद से शहर का विकास तेज हो रहा है। धारेश्वर मंदिर जन आस्था का केंद्र है। धारेश्वर लोक के निर्माण से शहर को विशेष पहचान मिलेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे निर्माण में सक्रिय भाग लें। इसे जनआस्था का भव्य प्रतीक बनाएं।
धारनाथ मंदिर धार्मिक और जनभावनाओं का केंद्र
पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने कहा कि यह लोक पर्यटन और आध्यात्मिकता का संगम बनेगा। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि धारनाथ मंदिर धार्मिक और जनभावनाओं का केंद्र है। धारेश्वर लोक से क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान सशक्त होगी। हर साल भादौ में बाबा का छबीना निकलता है। इस दौरान धारनाथ पालकी में विराजित होकर प्रजा के हाल जानने निकलते हैं।
बाबा के दरबार में लगती है सभी की हाजिरी
राजनेता, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। मान्यता है कि भगवान धारनाथ की स्थापना राजा भोज ने की थी। यह मंदिर हजारों साल पुराना है। मुगल आक्रांताओं ने मंदिर पर हमला किया था। उन्होंने तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। भगवान धारनाथ के चमत्कार देखकर मुगल ने भाग खड़े हुए थे।
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