पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, प्रेमानंद महाराज का विरोध केवल षड़यंत्र, जानें और क्या बोले

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेमानंद महाराज के विरोधियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आलोचकों को 'पेट की बीमारी' है और वे राष्ट्रवाद के पक्ष में हैं। शास्त्री ने विवाद पर अपनी राय व्यक्त की और समाज के मुद्दों पर खुलकर बात की।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (thesootr)

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बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri) ने प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के विरोध को लेकर एक विवादित बयान दिया है। शास्त्री ने कहा कि जो लोग प्रेमानंद महाराज का विरोध कर रहे हैं, उन्हें "पेट की बीमारी" (stomach problem) है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विरोध किसी वास्तविक मुद्दे पर नहीं, बल्कि एक षडयंत्र का हिस्सा है। शास्त्री ने यह भी कहा कि सत्य बोलना इस देश में बहुत कठिन हो गया है।

हवस के पुजारी और हवस का मौलवी

पंडित शास्त्री ने एक और तंज करते हुए कहा, "इस देश में हवस के पुजारी (priest of lust) हैं, तो हवस का मौलवी (mullah of lust) क्यों नहीं हो सकता?" उनका इशारा उन लोगों की तरफ था, जो धार्मिक भावनाओं का पालन करने के बावजूद भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं। उन्होंने मंचों पर खुलेआम हिंदू धर्म और जातिवाद पर बात करने वाले राजनेताओं और आलोचकों की आलोचना की।

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प्रेमानंद महाराज का विरोध क्यों?

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनका विरोध और उन्हें गालियाँ दी जाती हैं क्योंकि वे राष्ट्रवाद (nationalism) के पक्ष में हैं और जातिवाद (casteism) के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग गंगा-जमुना की बात करते हैं, क्या वे त्रिवेणी (confluence of three rivers) की बात नहीं कर सकते? उनका कहना था कि यही कारण है कि उनका विरोध होता है और उन्हें गालियाँ दी जाती हैं।

सभी मजहब बुरे नहीं होते

शास्त्री ने यह भी कहा कि "हर मजहब बुरा नहीं होता, लेकिन कुछ लोग बुरे होते हैं।" उन्होंने इस बयान के माध्यम से समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने की कोशिश की। उनके अनुसार, हर समाज में अच्छे लोग होते हैं, लेकिन कुछ बुरे लोग भी होते हैं। हालांकि, जब एक सत्यवादी व्यक्ति सामने आता है, तो उसकी नजर सभी पर जाती है।

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बागेश्वर धाम में दिया बयान

इस वक्त बागेश्वर धाम में दिव्य दरबार (Divine Court) का आयोजन हो रहा है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं। पंडित शास्त्री ने यह भी बताया कि इस आयोजन में लोग उनके उपदेशों को सुनने के लिए आते हैं और यह समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम है। उनका कहना था कि उनके द्वारा दिए गए संदेश का विरोध केवल एक तरह का षडयंत्र है, जो उन लोगों द्वारा रचा जा रहा है जो समाज के सच्चे मुद्दों से दूर हैं।

पंडित शास्त्री का संदेश

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हमेशा यह संदेश दिया है कि भारत को एकजुट रहकर राष्ट्रवाद के पक्ष में काम करना चाहिए। उनका मानना है कि धर्म को सही तरीके से समझकर उसका पालन किया जाना चाहिए और समाज में फैले हुए बुरे तत्वों को पहचानकर उनसे निपटा जाना चाहिए।

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