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मध्यप्रदेश के विंध्य में नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीजेपी विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बयान पर पलटवार किया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिद्धार्थ मेरे पुत्र समान हैं। उनके परिवार से उनके घनिष्ठ संबंध रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पुत्र सपूत या कपूत हो सकता है, लेकिन पिता कभी कुपिता नहीं हो सकता। दिग्विजय ने सिद्धार्थ को सदबुद्धि की कामना की और जय सिया राम कहा।
क्या कहा था बीजेपी विधायक ने ?
इससे पहले रीवा के त्योंथर से बीजेपी विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को 'मौलाना' कहकर संबोधित किया था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने ओसामा जैसे आतंकवादी को 'ओसामा जी' कहकर सम्मानित किया था। सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि कांग्रेस की नीयत और चरित्र को वह सबसे अच्छे तरीके से समझते हैं।
दिग्विजय सिंह का जवाब
दिग्विजय सिंह ने सिद्धार्थ तिवारी की टिप्पणी का जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और कहा कि सिद्धार्थ उनके बेटे समान हैं। उन्होंने सिद्धार्थ की बातों को हल्के में लिया और इसे कोई गंभीर मुद्दा नहीं माना।
सिद्धार्थ मेरे पुत्र समान है। उनके परिवार से मेरे घनिष्ठ संबंध थे और रहेंगे।
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) September 20, 2025
पुत्र “सपूत” या “कपूत” हो सकता है। लेकिन “पिता” कभी “कुपिता” नहीं हो सकता। प्रभु सिद्धार्थ को ईश्वर सदबुद्धि दें। जय सिया राम।
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श्रीनिवास तिवारी और दिग्विजय सिंह का रिश्ता
भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बाबा श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस शासनकाल (1993 से 2003) में विधानसभा अध्यक्ष थे। उनकी स्थिति और दिग्विजय सिंह के साथ उनका अच्छा संबंध था। यह राजनीतिक रिश्ता सिद्धार्थ के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदर्भ बनता है, क्योंकि वह खुद भी भाजपा के सदस्य हैं। कहा जाता है कि दिग्विजय सिंह विंध्य क्षेत्र में आने पर अक्सर कहते थे कि वह एमपी के मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन विंध्य के मुख्यमंत्री नहीं हैं।
बीजेपी-कांग्रेस के बीच राजनीति
इस विवाद ने भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक संघर्ष को फिर से उजागर किया है। भाजपा नेता दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की आलोचना करते रहते हैं। विधायक प्रीतम लोधी ने दिग्विजय सिंह के समय सड़कों की स्थिति को 'ओम पुरी जैसा' बताया था। इसके बाद भाजपा सरकार के दौरान सड़कों में सुधार के साथ इसे 'श्रीदेवी जैसी' स्थिति में तब्दील कर दिया गया।
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दिग्विजय सिंह के विवादित बयान
दिग्विजय सिंह अपनी बयानबाजी के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। तीन महीने पहले ग्वालियर में उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था, "कांग्रेस से जोड़ो, दिग्विजय सिंह जाए भाड़ में," जो उनके लिए विवाद का कारण बन गया। यह बयान तब आया जब एक सीनियर कांग्रेस कार्यकर्ता अपने बेटे को दिग्विजय से मिलाने लाया था। इस बयान ने कांग्रेस के अंदर और बाहर राजनीतिक हलचल मचा दी थी।