मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेत्री की मृत्यु के मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एंट्री हो गई है। उन्होंने 20 लाख रुपए देकर नेत्री ममता यादव की निर्मम हत्या करने का आरोप लगाया है ( mamata yadav death )। साथ ही मामले की जांच के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के चंदेरी से एक भाजपा नेत्री ममता यादव पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान लापता हो गई थीं। इसके कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के पास मांडा से युवती का शव बरामद हुआ। घटना के करीब आठ महीने बाद भी ममता यादव की गुमशुदगी के मामले ने अशोकनगर जिले के राजनैतिक गलयरो में खलबली मचा रखी है।
ममता यादव की मौत कैसे हुई ?
दरअसल, बीजेपी नेत्री ममता यादव 11 सितंबर 2023 को अपने गांव टांडा से बनारस घूमने गई थी। वह अशोकनगर के चंदेरी क्षेत्र के ग्राम टांडा की रहने वाली है। जैसे ही ममता अपने घर से निकली तो उसके भाई से दो-तीन दिन तक ममता यादव की बात होती रही, लेकिन बाद में ममता का संपर्क टूट गया।
इसके बाद कुछ दिनों तक नेत्री का कोई अता-पता नहीं चला। ऐसे में ममता के परिजनों ने 28 सितंबर, 2023 को चंदेरी थाने में गुमशुदगी की रोपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन इसके पहले ही 25 सितंबर 2023 को यूपी के प्रयागराज स्थित मांडा थाना क्षेत्र में एक शव मिला। इसके बाद बताया गया कि वह शव ममता यादव का है।
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दिग्विजय सिंह ने हत्या के लगाए आरोप
बीजेपी नेता ममता यादव की गुमशुदगी और फिर मौत के मामले में अब दिग्विजय सिंह की एंंट्री हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ममता यादव की मां और भाई के साथ मीडिया से चर्चा की।
उन्होंने आरोप लगाया कि अशोकनगर के किसी बड़े नेता ने 20 लाख रुपए की सुपारी देकर ममता यादव की हत्या कराई है। उन्होंने इसकी जांच को लेकर मध्यप्रदेश के डीजीपी को एक पत्र भी लिखा। इसमें ममता यादव की मौत को हत्याकांड बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इसमें अशोकनगर पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जांच करने की बात भी लिखी है। साथ ही मृतका के परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की है।
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प्रभावशाली लोगों को बचाने के आरोप
भाजपा नेत्री ममता यादव की मृत्यु मामले में दिग्विजय सिंह ने डीजीपी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने सितंबर 2023 में मृत्यु से पहले जिस संदिग्ध नंबर से मृतका को कॉल आया उसकी जांच करने की बात कही है।
साथ ही मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिवार को न दिए जाने की शिकायत की है। दिग्विजय सिंह ने पत्र में मृतका के भाई द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का जिक्र किया है। इसमें पुलिस द्वारा प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की बात भी कही गई है।
दिग्विजय सिंह का लिखा पत्र-