जासूसी मामले में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल, लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखे सवाल दागे हैं। साझा किए अपने पोस्ट में उन्होंने पूछा कि क्या BJP और RSS का जासूसी से कोई इतिहास रहा है? 

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Sandeep Kumar
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MP News:मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीजेपी और RSS पर गंभीर सवाल उठाते हुए पूछा है। उन्होंने कहा है कि क्या इन संगठनों का पाकिस्तान से कोई रिश्ता रहा है? दिग्विजय ने DRDO अधिकारी प्रदीप कुरुलकर और बीजेपी कार्यकर्ता ध्रुव सक्सेना के ISI जासूसी मामलों का हवाला देते हुए बीजेपी से स्पष्टीकरण मांगा। इसके साथ ही, उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दिए बयान को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इससे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। 

दिग्विजय ने मोदी के पुराने बयान का भी जिक्र किया जिसमें ‘समस्या दिल्ली में है’ कहा गया था। उन्होंने सरकार से यह जानना चाहा कि ऑपरेशन सिंदूर में देश को क्या नुकसान हुआ और कितने आतंकी बचकर भागे। यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर रहा है और बीजेपी-कांग्रेस के बीच टकराव और बढ़ सकता है।

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DRDO अधिकारी और RSS लिंक पर निशाना

दिग्विजय सिंह ने DRDO के अधिकारी प्रदीप कुरुलकर का मामला उठाया, जिन पर पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियां देने के आरोप लगे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुरुलकर RSS से जुड़े हुए थे। इसके साथ ही उन्होंने एक पुराने मामले का जिक्र किया, जिसमें बीजेपी के एक कार्यकर्ता ध्रुव सक्सेना का नाम ISI जासूसी कांड में आया था। दिग्विजय ने सवाल किया कि उन पर आज तक क्या कार्रवाई हुई?

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‘मोदी ने खुद कहा था, समस्या दिल्ली में है’

दिग्विजय सिंह ने एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि "समस्या बॉर्डर पर नहीं, दिल्ली में है"। सिंह ने इस कथन के जरिए सरकार पर यह आरोप लगाया कि देश के भीतर ऐसे लोग हैं जो पाकिस्तान को पहले से सूचना दे देते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

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'देश को हंसी का पात्र बनाने वाला'

इस पूरे प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक बयान दिया। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन की शुरुआत में भारत ने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि हम आतंकवाद के ढांचे पर हमला कर रहे हैं, और पाकिस्तानी सेना को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने इस बयान को लेकर जयशंकर पर निशाना साधा और कहा कि इस तरह की टिप्पणियां देश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मज़ाक का पात्र बनाती हैं।

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तीखे सवाल, गंभीर आरोप

दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार से पूछा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश ने कितने विमान खोए, क्या नुकसान हुआ, और कितने आतंकवादी भागने में सफल रहे? उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीजेपी को इन जासूसी मामलों पर जवाब देना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि क्या पार्टी और संघ से जुड़े लोगों का ISI से कोई संबंध रहा है।

राजनीति में गहराता टकराव

यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब देश में सुरक्षा, राष्ट्रवाद और सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दे चुनावी चर्चाओं के केंद्र में हैं। दिग्विजय सिंह का यह बयान एक बार फिर बीजेपी-कांग्रेस टकराव को नई ऊंचाई पर ले गया है। हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक इस पर कोई प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन कांग्रेस की ओर से यह संकेत स्पष्ट है कि वह इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है।

 

 

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