तुर्की से आयात रोका तो एमपी में किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले... खसखस पहुंचा 2 लाख रुपए क्विंटल

एमपी के नीमच जिले की पोस्ता मंडी इन दिनों किसानों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं। सैकड़ों की संख्या में किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं और उनके चेहरों की मुस्कान यह साफ बयां करती है कि वर्षों की मेहनत आखिर रंग लाई है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के नीमच में स्थित पोस्ता मंडी इन दिनों किसानों के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं है। पोस्ता दाना ( खसखस ) की कीमतों में अचानक आई ऐतिहासिक वृद्धि ने किसानों के जीवन में खुशहाली ला दी है। एक क्विंटल पोस्ता अब 1.80 लाख तक बिक रहा है, जिसकी मुख्य वजह तुर्की से पोस्ता के आयात पर भारत सरकार द्वारा लगाई गई रोक है। इससे घरेलू पोस्ता की मांग में भारी इजाफा हुआ है। 

प्रतिदिन मंडी में 1500 बोरी पोस्ता की आवक हो रही है और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंडी में सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। यह उछाल न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधार रहा है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी मजबूत कर रहा है। सरकार की नीतिगत भूमिका और मंडी प्रबंधन की सतर्कता ने इस अवसर को और भी सफल बना दिया है।

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तुर्की से आयात पर लगी रोक

इस अप्रत्याशित वृद्धि के पीछे सबसे बड़ा कारण भारत सरकार द्वारा तुर्की से पोस्ता के आयात पर लगाई गई रोक है। अब देश में ही खपत के लिए भारतीय पोस्ता की मांग तेज़ हो गई है। जब विदेशी आपूर्ति बंद हुई, तो घरेलू उत्पादकों को लाभ मिलने लगा। इससे देशभर में पोस्ता की कीमतें चढ़ीं और किसानों को उनकी फसल के बदले शानदार मूल्य मिलना शुरू हुआ।

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बंदूक के साये में चल रही मंडी

उत्साह के इस माहौल में सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। नीमच की पोस्ता मंडी में इन दिनों विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। भारी मात्रा में नगद लेन-देन और महंगे पोस्ता दानों के कारण मंडी में सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं। पोस्ता की बोली और खरीदी बंदूकधारी सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में हो रही है, जिससे किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

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1500 बोरी प्रतिदिन की आवक

मंडी में प्रतिदिन लगभग 1500 बोरी पोस्ता की आवक हो रही है, जो यह बताने के लिए काफी है कि किसान इस सुनहरे मौके को भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। खेतों में पसीना बहाकर उपजा यह पोस्ता अब उन्हें उसकी असली कीमत दिला रहा है। बड़ी संख्या में किसानों की उपस्थिति ने मंडी को फिर से जीवन्त और ऊर्जावान बना दिया है।

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किसानों की मेहनत को मिला फल

किसानों के चेहरों पर रौनक और आंखों में चमक इस बात का प्रतीक है कि उन्हें वर्षों बाद ऐसा सौभाग्य मिला है। कई किसान इस मुनाफे से कर्ज चुकाने, बच्चों की पढ़ाई में निवेश करने और घर की मरम्मत जैसी योजनाओं को साकार कर पा रहे हैं। यह सिर्फ एक फसल का मुनाफा नहीं, बल्कि उनके आत्मविश्वास और उम्मीदों की भी वापसी है।

सरकार और प्रशासन की भूमिका

जहां एक ओर तुर्की से आयात रोकने का निर्णय किसानों के हित में रहा, वहीं प्रशासन ने मंडी संचालन में अनुशासन और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर किसानों को राहत दी है। यह एक उदाहरण बन सकता है कि यदि नीति और निगरानी दोनों मजबूत हों, तो कृषि से जुड़ा हर वर्ग लाभान्वित हो सकता है।

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नीमच पोस्ता मंडी | MP News 

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