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बीजेपी पार्षद कमलेश कालरा और तत्कालीन एमआईसी मेंबर और विवाद के बाद पार्टी से बाहर किए गए जीतू यादव (जाटव) के बीच हुए विवाद के बाद अब इस पर मिट्टी डालने की कोशिश शुरू हो गई है। इसकी पहल जीतू यादव ने की है। मामला ठंडा तो हुआ लेकिन उतना नहीं जितनी उम्मीद की जा रही थी।
जीतू यादव ने की यह पहल
चार जनवरी को जीतू यादव के 30-40 समर्थकों ने कालरा के घऱ जाकर तोड़फोड़ की और महिला व बच्चों के साथ अभद्रता की। कालरा को देख लेने की धमकी दी। इसके बाद मचे सियासी तूफान में जीतू की राजनीतिक नैया डूब गई और बीजेपी ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया और एमआईसी पद भी चला गया। इस घटना के पांच माह बीतने के बाद जीतू यादव शुक्रवार रात को अचानक चुपचाप कालरा के घर पहुंच गए। उनके साथ विधानसभा चार की विधायक मालिनी गौड़ और उनके पुत्र एकलव्य गौड़ के करीबी एमआईसी मेंबर राकेश जैन व कांग्रेस से बीजेपी में आए नेता मोहन सेंगर के भाई उदय सेंगर भी साथ थे। सभी की उपस्थिति में जीतू यादव ने कालरा से उनके समर्थकों द्वारा की गई हरकत के लिए खेद जताया और माफी मांगी।
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मां और दादी बोलीं- हम काफी आहत
इस दौरान खासकर जीतू जाटव ने कालरा की पत्नी और उनकी मां व पुत्र के साथ बात की और सभी से माफी मांगी। जीतू ने कहा कि जो कुछ हुआ वह नहीं होना चाहिए था, समर्थकों ने गुस्से और जोश में आकर यह हरकत कर दी। इसमें मेरा कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन मुझे इस घटना का दुख है। इस पर कालरा के परिजनों ने कहा कि यह घटना भूलने वाली नहीं है, जो हुआ वह बहुत भयावह था। आगे ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए। जीतू ने यहां तक कहा कि जो कुछ आपके साथ हुआ वह तो गलत है ही लेकिन इस पूरी घटना से मुझसे सब कुछ छिन गया।
कालरा बोले माफी मांगी है, लेकिन समझौता नहीं हुआ
कालरा ने 'द सूत्र' से इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा कि जीतू, एमआईसी मेंबर जैन के साथ आए थे। उन्होंने परिवार से सभी से माफी मांगी है और घटना पर खेद जताया है। यह सही है कि घटना के बाद से उन्होंने कुछ गलत हमारे साथ नहीं किया है, लेकिन हमारे बीच कोई समझौता नहीं हुआ है। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं।
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जमानत के बाद अब जीतू समर्थकों को राहत की उम्मीद
हाल ही में पार्षद जीतू यादव के समर्थक विशाल गोस्वामी की सुप्रीम कोर्ट से जमानत हुई है। इसके बाद माना जा रहा है कि जेल में बंद अन्य सभी समर्थकों को भी जमानत मिल जाएगी। यह आऱोपी करीब साढ़े चार माह से जेल में बंद है। जूनी इंदौर पुलिस ने कालरा की शिकायत पर 30-40 अज्ञात पर पॉक्सो व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था।
कहां से शुरू हुआ था विवाद
यह विवाद जनवरी में उस समय हुआ जब एक व्यक्ति को नोटिस दिया गया, इस पर कालरा ने निगम के कर्मचारी को फोन कर आपत्ति ली, जब कर्मचारी ने जीतू यादव का नाम लिया तो उन्होंने उनके लिए शब्द बोल दिए। इसी बात पर समर्थक भड़क गए। इस पर जीतू के भाई अभिलाष ने सभी सभी को कार्यालय में जमा किया और फिर कालरा के घर जाकर हमला कर दिया और इस घटना का वीडियो भी बनाया। मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ा क्योंकि कालरा विधानसभा चार के विधायक मालिनी गौड़ से जुड़े हुए हैं और जीतू यादव विधानसभा दो के विधायक रमेश मेंदोला से और दोनों गुटों में लंबे समय से अनबन है। मालिनी गौड़ व अन्य समर्थक बीजेपी दफ्तर पहुंचे और जीतू की शिकायत की। मामला दिल्ली तक गया और जीतू को पहले पार्टी ने नोटिस दिया और बाद में पार्टी से बाहर कर दिया।
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मध्य प्रदेश | MP News