अधिकारियों ने दबाए स्कूलों के बिजली बिल के पैसे, सैकड़ों शालाओं पर पॉवर कट का संकट

प्रदेश के स्कूलों और शिक्षा विभाग के दफ्तरों पर 71 करोड़ का बिल बकाया है। पड़ताल में पता चला कि स्कूलों के पास बचत की राशि लाखों में है लेकिन बिजली बिल नहीं भरा गया इससे स्कूलों पर बिजली कटने का संकट मंडरा रहा है।

author-image
Arun Tiwari
New Update
Electricity connection of schools may be cut, Rs 71 crore bill is pending the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्कूलों पर बिजली का बड़ा संकट है। यह संकट इसलिए नहीं है कि प्रदेश में बिजली की कमी है। बल्कि इसलिए है क्योंकि स्कूलों ने बिजली के बिल नहीं चुकाए हैं। सरकार की तरफ से बिजली बिल का पैसा जारी हुआ लेकिन स्कूलों ने पिछले तीन,चार साल से ये बिल नहीं भरा। प्रदेश के स्कूलों और शिक्षा विभाग के दफ्तरों पर 71 करोड़ का बिल बकाया है।

पड़ताल में पता चला कि स्कूलों के पास बचत की राशि लाखों में है लेकिन बिजली बिल नहीं भरा गया। बिजली बिल न भरने में एक्सीलेंस स्कूल आगे हैं। यानी यह एक्सीलेंस स्कूल बिजली बिल न चुकाने में भी एक्सीलेंट हैं। अब इन स्कूलों पर बिजली गुल होने का खतरा मंडराने लगा है। बिजली विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि बिल नहीं भरा गया तो बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। 

ये खबर भी पढ़ें...लोगों ने की धरती के स्वर्ग कश्मीर की यात्रा रद्द, 63 लाख का रिफंड, तुर्किये के पैकेज भी कैंसिल

स्कूलों में अंधेरे की आहट 

एक तरफ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय युक्तियुक्तकरण कर स्कूलों की पढ़ाई लिखाई को सुधारने की कवायद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके सामने एक और चुनौती है। प्रदेश के स्कूलों में बत्ती गुल होने की नौबत आ गई है। प्रदेश के ज्यादातर स्कूल बिना बिल भरे बिजली चला रहे हैं। कई स्कूलों ने महीनों से तो कई ने सालों से बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया है।

प्रदेश के एक्सीलेंस स्कूल बिजली बिल जमा न करने में भी एक्सीलेंट है। प्रदेश के स्कूलों पर बिजली बिल के 71 करोड़ रुपए बकाया हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में डीपीआई ने सभी जिलों को विद्युत मद का आवंटन कर दिया था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि यह राशि कई स्कूलों में बिजली बिल भरने की बजाय सेविंग एकाउंट में जमा कर दी। यानी इन स्कूलों के पास लाखों में बचत की राशि जमा है।

भारी घाटे में जूझ रही बिजली कंपनियों को उबारने के लिए बिजली विभाग ने स्कूल शिक्षा विभाग को चेतावनी जारी कर दी है कि यदि बिजली बिल जमा नहीं किया गया तो स्कूलों का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। 

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में 150 घाट जबकि 400 खदानों से निकल रही रेत, सीएम की रडार पर कलेक्टर

बचत खाते में जमा बिजली का फंड 

ये खबर भी पढ़ें...छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन पर 13 हजार करोड़ खर्च, सीएम के क्षेत्र में ही सबसे ज्यादा काम अधूरे

31 मार्च की स्थिति में सबसे ज्यादा बचत कांकेर जिले की है। यहां पर 1 करोड़ 30 लाख रुपए बचत में हैं। इसके बाद भी बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया। बीजापुर जिले में 90 लाख रुपए,बेमेतरा में 81 लाख, बिलासपुर में 78 लाख, बालोद में 78 लाख, महासमुंद में 76 लाख, राजनांदगांव में 75 लाख, सारंगढ़ में 68 लाख, जगदलपुर में 68 लाख और गरियाबंद में 60 लाख रुपए बचत में होने के बाद भी बिजली का बिल नहीं भरा गया। सूत्रों की मानें तो कई स्कूलों में बिजली मद से आई राशि का उपयोग दूसरे कामों में कर लिया गया।    

ये खबर भी पढ़ें...अपने गढ़ में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन, छिटक रहे कोर वोटर्स को साधने की कवायद

इन एक्सीलेंस स्कूलों पर इतना बिल बकाया 

पीएमश्री आरडी तिवारी स्कूल - 8 लाख रुपए
मायाराम सुरजन गर्ल्स स्कूल - 1 लाख 70 हजार रुपए
पीएमश्री स्वामी आत्मानंद स्कूल - 1 लाख रुपए
स्वामी विवेकानंद स्कूल - 70 हजार रुपए
बीपी तिवारी स्कूल - 1 लाख 80 हजार रुपए
पीएमश्री आत्मानंद स्कूल - 1 लाख 80 हजार रुपए
पंडित गिरिजाशंकर स्कूल - 50 हजार रुपए
निवेदिता स्कूल - 35 हजार रुपए
मातृसदन स्कूल - 60 हजार रुपए
काशीराम वर्मा स्कूल - 22 हजार रुपए 

 

chhattisgarh school | Electricity | Bijali Bil in Hindi | बिजली बिल बकाया | बिजली कट

Chhattisgarh chhattisgarh school Electricity बिल Bijali Bil in Hindi बिजली बिल बकाया बिजली कट