मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाओं के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप है। दरअसल यहां की गेस्ट टीचर्स को गेस्ट ही माना जा रहा है। आपको बता दें कि दावा है कि यहां स्कूलों में गेस्ट टीचर्स को मातृत्व अवकाश ( Maternity Leave ) नहीं दिया जाता है। आइए आपको बताते हैं ऐसा ही एक किस्सा
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अतिथि शिक्षिका ने मांगा था अवकाश
राजधानी भोपाल के नागदा संकुल स्थित रंगाराखेड़ी स्कूल में अंग्रेजी की अतिथि शिक्षिका अंशिता परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग से नियमित शिक्षिकाओं की तरह मातृत्व अवकाश मांगा है, लेकिन शिक्षा विभाग ने उन्हें अवकाश देने से इनकार कर दिया। हालांकि अंशिता अकेली नहीं हैं, प्रदेश में ऐसी कई अतिथि शिक्षिकाएं हैं, जो मातृत्व अवकाश मांग रही हैं, पर किसी के आवेदन पर कोई निर्णय नहीं हो रहा है। इसी के साथ संचालक, लोक शिक्षण केके द्विवेदी का कहना है कि अतिथि शिक्षकों के सेवा नियमों में मातृत्व अवकाश का प्रविधान नहीं है और इसे लेकर कोई प्रस्ताव भी नहीं है।
180 दिनों का दिया जाता है अवकाश
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में नियमित शिक्षिकाओं को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जाता है। अतिथि शिक्षक संघ की ओर से इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों को मांग पत्र भी भेजा गया है। कहा गया है कि नियिमत शिक्षिकाओं की तरह अतिथि शिक्षिकाएं भी महिला हैं, उन्हें भी मातृत्व अवकाश की आवश्यकता पड़ती है।
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छोड़नी पड़ती है नौकरी
संगठन के अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार का कहना है कि मातृत्व अवकाश न मिलने पर अतिथि शिक्षिकाओं को कई बार नौकरी तक छोड़नी पड़ती है। सुनील ने बताया कि यह प्रस्ताव भी दिया गया है कि अतिथि शिक्षिकाओं को अवैतनिक मातृत्व अवकाश ( Unpaid Maternity Leave ) ही दे दिया जाए, पर इस पर भी कोई निर्णय नहीं अभी तक नहीं लिया गया है।
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