कटनी में डोलोमाइट का अवैध खनन बना ग्रामीणों के लिए मुसीबत

मध्य प्रदेश का कटनी जिला खनिज संपदा से समृद्ध है। राज्य के खनिज विभाग को सर्वाधिक राजस्व भी इसी जिले से मिलता है। यहां खनिज के अवैध खनन पर अंकुश लगाकर इसे और बढ़ाया जा सकता है।

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Ravi Awasthi
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Illigal mining Photograph: (the sootr)

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कटनी . जिले के जमुनिया,माल्हन व गुढ़ा क्षेत्र में डोलोमाइट का अवैध खनन एक गंभीर समस्या बन गया है। जिले में डोलोमाइट की 30 से अधिक खदानें हैं।इनमें खनिज का उत्खनन करने बारूद का इस्तेमाल किया जाता है। खनन के लिए आए दिन होने वाले विस्फोट से अंचल के ग्रामीणों में दहशत है। 

जानकारी के अनुसार जिले में 310 मुख्य व गौड़ खनिज की खदानें हैं। इनमें से वर्तमान में चालू हालत में सिर्फ 170 खदानें ही हैं। शेष 140 को अबतक स्वीकृति का इंतजार है। अकेले जिले में 30 से अधिक खदानें डोलोमाइट की संचालित हो रही हैं। इनमें ज्यादातर खदानें जमुनिया,माल्हुन व गुढ़ा क्षेत्र में है। बताया जाता है कि यहां की कुछ खदानों की लीज हाल ही में मेसर्स एक्सीलेंस नामक फर्म को ट्रांसफर की गई हैं। हालांकि यही फर्म पहले भी पेटी कांट्रेक्ट पर यहां खनन का काम करती रही है। 

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अवैध खनन ने पैदा की समस्या

सूत्रों के अनुसार,जिस फर्म को क्षेत्र की खदान आवंटित की गई है। उसका रकबा सिर्फ एक हेक्टेयर है,जबकि वह इससे कहीं अधिक इलाके में खनन कर रहा है। अंचल में डोलोमाइट अच्छी गुणवत्ता वाला है लेकिन इसकी चट्टाने गहराई में व कठोर किस्म की हैं।

इन्हें तोड़ने रात में विस्फोट किए जाते हैं। जो किसी भी नींद उड़ाने के लिए काफी हैं। अंचल में अवैध खनन के लिए ही इस तरह के विस्फोट ने लोगों की रातों की नींद छीन ली। वहीं विस्फोट से उछलने वाले पत्थरों से खतरा भी हमेशा बना रहता है। 

 

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डोलोमाइट की शुद्वता ने बढ़ाई स्पर्धा

कटनी जिले में चूना पत्थर बड़ी मात्रा में पाया जाता है। वहीं जमुनिया क्षेत्र के चूना पत्थर में मैग्नीशियम की मात्रा 40 प्रतिशत से अधिक है। यह इलाका एक प्रकार से शुद्ध डोलोमाइट के लिए पहचाना जाता है। इसके चलते डोलोमाइट खनिज कारोबारियों में इस अंचल में खदान पाने को लेकर हमेशा स्पर्धा होती है।

आर के अग्रवाल नामक फर्म इस अंचल में लंबे समय से कारोबार कर रही है। जो बदले हुए नामों के साथ खदान की लीज पाती रही है। नया मामला सिर्फ एक हेक्टेयर की लीज पाकर इससे कई गुना अधिक क्षेत्र में उत्खनन का है। 

​अवैध खनन को लेकर जिम्मेदार बेपरवाह

जिले में डोलोमाइट की 30 खदानें लीज पर हैं। इनके अलावा आधा दर्जन नए ब्लॉक बनाकर इन्हें भी लीज पर दिए जाने की तैयारी है। दरअसल,कटनी जिला खनिज संपदा से समृद्ध है। सरकार को सर्वाधिक खनिज राजस्व भी इसी जिले से मिलता है।

अकेले रेत खनन लीज से ही सरकार को हर साल 70 करोड़ रुपए व मुख्य व गौड़ खनिजों से 165 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति हो रही है। जिले में डोलामाइट की 32,मार्बल की 35 व अन्य गौण खनिजों की 75 खदाने हैं। इनके अलावा इमलिया गांव में गोल्ड अयस्क होने का पता चल चुका है।

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सांठगांठ से अवैध खनन को मिला बढ़ावा

सूत्रों के मुताबिक,जिले में आवंटित लीज से अधिक खनन,बताई गई क्षमता से अधिक भंडारण सबकुछ धड़ल्ले से जारी है। जिसे खनिज निरीक्षकों से सांठगांठ कर अंजाम दिया जा रहा है। इस तरह के कई मामले सामने आने पर खनिज निरीक्षक पवन कुशवाहा समेत कुछ कर्मचारी पहले भी निलंबित हुए,लेकिन इस कार्यवाही के बावजूद उनकी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया।


डोलोमाइट के अवैध खनन को लेकर जिले के खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित का कहना है कि कुछ जगह खदानों का सीमांकन नहीं होने से इस तरह की शिकायतें सामने आई हैं। विभाग जल्द ही डीजीपीएस मशीन से सीमांकन कराएगा। यह काम इसी माह पूरा होने की संभावना है। 

 

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