कटनी की झिन्ना खदान पर एनजीटी का सख्त एक्शन, अब खनन पर पूरी तरह रोक

कटनी जिले की झिन्ना खदान में खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने रोक लगा दी है। एनजीटी की भोपाल पीठ ने सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। अब खनन के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजरें टिकी हैं।

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Ravi Kant Dixit
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कटनी जिले की झिन्ना खदान को लेकर बड़ा फैसला आया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इस खदान में खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी है। एनजीटी की भोपाल पीठ ने सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। अब अगली सुनवाई 26 मई को होगी। सुनवाई के दौरान एनजीटी को बताया गया कि खनन से जुड़ा विवाद सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका के तहत विचाराधीन है।

एनजीटी ने दिया खनन पर रोक का आदेश 

जिला प्रशासन के सामने भी इस मामले में समझौते का प्रस्ताव लंबित है। एनजीटी की भोपाल पीठ ने कहा कि वर्तमान में खनन के पक्ष में कोई पर्यावरणीय मंजूरी प्रभावी नहीं है। एनजीटी ने सख्त रुख अपनाते हुए खनन पर रोक का आदेश दिया। साथ ही कटनी प्रशासन और कलेक्टर को इस आदेश का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। सबसे पहले 'द सूत्र' ने ही झिन्ना खदान का पूरा मामला उजागर किया था। इसके बाद मामले में हड़कंप मच गया था। अब 'द सूत्र' की पहल रंग ला रही है। 

झिन्ना खदान संरक्षित वन भूमि

वरिष्ठ पत्रकार संतोष उपाध्याय की याचिका के बाद एनजीटी में यह मामला पहुंचा। सुनवाई के दौरान जस्टिस शिव कुमार सिंह और डॉ. अफरोज अहमद की बेंच ने संयुक्त समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया। वन विभाग की रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि झिन्ना खदान का इलाका संरक्षित वन भूमि है और वहां खनन पूरी तरह अवैध है।

क्या है पूरा मामला?

झिन्ना गांव की 774.05 एकड़ जमीन वर्ष 1955 से वन विभाग के प्रबंधन में है। इसे 1958 में संरक्षित वन घोषित किया गया था। इसके बावजूद कुछ अफसर एक खनन कारोबारी की शह पर इसे राजस्व भूमि घोषित करने की कोशिश में लगे हैं, जिससे उन्हें फायदा मिल सके।

यह भी पढ़ें: झिन्ना खदान पर NGT सख्त, कलेक्टर, वन विभाग और पर्यावरण मंत्रालय से मांगा जवाब

गौरतलब है कि इससे पहले भी एनजीटी ने कटनी कलेक्टर, वन विभाग और पर्यावरण मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, लेकिन तब तक झिन्ना खदान में कोई खनन नहीं होगा। एनजीटी का यह आदेश पर्यावरण संरक्षण और वन भूमि की रक्षा के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।

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