Jabalpur नील तिवारी: सिविल लाइन मिलेनियम कॉलोनी में अपने पिता और भाई की हत्या की आरोपी नाबालिका को हरिद्वार से पकड़ा गया। उसे जबलपुर लाकर आरोपी मुकुल के बारे में पूछताछ शुरू की जाती इससे पहले ही उसका प्रेमी और मुख्य आरोपी मुकुल जबलपुर पहुंच गया और थाने में आकर सरेंडर कर दिया है। जानकारी के मुताबिक ये कातिल जोड़ी लगभग ढाई महीने से पुलिस को चकमा दे रही थी। इस कातिल जोड़े को हरिद्वार में जिला अस्पताल के पास जनता के द्वारा पहचाना गया था। दरअसल इसके बाद हरिद्वार पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी मुकुल मौके से फरार हो गया था और नाबालिग किशोरी को पुलिस ने गिरफ्त कर लिया था।
क्राइम सीरीज से सीखा अपराध
पुलिस को तफ्तीश में यह पता चला है कि मुकुल सोशल मीडिया में एक्टिव रहने के साथ-साथ क्राइम सीरीज भी देखता था। इन्ही क्राइम सीरीज को देखकर उसने हत्या की प्लानिंग की थी। जबलपुर के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने हत्या को एक कोल्ड ब्लडेड मर्डर बताया। उन्होंने बताया कि इस हत्या की साजिश बहुत ही सोचे समझे तरीके से की गई थी। मुकुल ने पूरी प्लानिंग इस तरह से की थी कि इस हत्याकांड से यह दोनों बच जाए पर यदि किसी भी तरह से आरोप लगे तो वह लड़की पर नहीं सिर्फ मुकुल पर लगे।
क्या है पूरा मामला
जबलपुर के रेलवे मंडल के हेड क्लर्क राजकुमार विश्वकर्मा सिविल लाइन की रेलवे कॉलोनी में अपनी बेटी और 9 वर्षीय बेटे तनिष्क के साथ रहते थे। राजकुमार की पत्नी की मृत्यु हो जाने के चलते घर पर बच्चे ज्यादातर समय अकेले ही रहते थे। राजकुमार की बेटी और पड़ोस में ही रहने वाले सेफ्टी ओएस राजपाल सिंह के बेटे मुकुल सिंह के बीच आपस में बातचीत होने लगी और धीरे-धीरे यह बातचीत प्यार में बदल गई। एक बार रात में यह दोनों गार्डन में बैठे हुए दिखाई दिए तो कॉलोनी के चौकीदार ने इन्हें फटकार लगाई और इसकी सूचना नाबालिग के पिता राजकुमार को दी। इसके बाद से नाबालिक के ऊपर परिवार का दबाव आ गया कि वह मुकुल से बातचीत ना करें। परिवार के विरोध के चलते यह दोनों घर से रातों-रात फरार हो गए, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस ने दो दिनों के भीतर इन्हें भोपाल के एक रिसॉर्ट से गिरफ्तार किया। लड़की के नाबालिक होने के कारण उसके पिता राजकुमार ने मुकुल पर पॉक्सो एक्ट सहित अपहरण और अन्य धाराओं पर मामला कायम कराया था और उसे जेल भेज दिया गया था।
जेल से छूटा और किया कत्ल
जैसे ही आरोपी को कोर्ट से जमानत मिली और जेल से छूट कर बाहर आया। उसके बाद आरोपी ने फिर से नाबालिक से बातचीत करना शुरू कर दिया। नाबालिक और मुकुल मौज ऐप पर बातचीत करते थे। कुछ दिनों में ही पढ़ाई के बहाने से लड़की भी इटारसी से आकर अपने सिविल लाइन स्थित घर पर रहने लगी और इन दोनों ने मिलकर अपने प्यार के आड़े आ रहे को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया था। इसके बाद उन्होंने 14-15 मार्च की रात मिलेनियम कॉलोनी में खौफनाक हत्याकांड को अंजाम दिया।
मुकुल ने हेड क्लर्क राजकुमार के शव को पन्नी में बांधकर किचन में फेंक दिया था। और आपने भाई के शव को कपड़े में बांधकर फ्रिज में बुरी तरह से ठूंस दिया था। इसके बाद लड़की ने वॉइस मैसेज से अपने रिश्तेदारों को पिता की हत्या की सूचना दी और दोनों मौके से फरार हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज देखा तो मुकुल सिंह अपनी स्कूटर से मृतक की नाबालिग बेटी के साथ दोपहर करीब 12:23 बजे कॉलोनी से निकलता हुआ नजर आया था। जानकारी के मुताबिक पॉलीथिन से लेकर गैस कटर तक सभी आरोपी मुकुल ने ही इकट्ठे किए थे।
लोकेशन बदलकर पुलिस को दे रहे थे चकमा
शातिर कातिलों की यह जोड़ी लगातार अपनी लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा दे रही थी उनकी अलग-अलग लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को लगातार मिल रहे थे। कभी कर्नाटक से इनके सीसीटीवी सामने आ रहे थे तो कभी उत्तर प्रदेश के मथुरा से। 19 मार्च सुबह 8.30 बजे कर्नाटक के कलबुर्गी के बस स्टैंड पर यह जोड़ी नीले रंग का सूटकेस और काले रंग का बैग लिए टिकट लेते हुए नजर आए उसके बाद 10 अप्रैल को कलबुर्गी से लगभग 1500 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के मथुरा में यह दोनों आरोपी एक दुकान के बाहर एटीएम के पास और कृष्ण जन्मभूमि के गेट के बाहर सीसीटीवी में नजर आए।
पुलिस टीम के पहुंचने से पहले ही यह मौके से फरार हो जाते। इसी कारण से पुलिस ने आरोपी के वांटेड के पोस्टर पूरे देश सहित नेपाल तक चस्पा किए थे। जिसका फायदा भी पुलिस को मिला और जनता ने इस मास्टरमाइंड जोड़ी को पहचान कर पुलिस की सहायता की थी।