मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में निजी स्कूलों के खिलाफ मनमानी फीस को लेकर लगातार शिकायत की जा रही थी। इसके बाद गुरुवार, 27 जून को भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 4 निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें डीपीएस स्कूल कोलार, श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल, कैंपियन स्कूल और सेज इंटरनेशनल शामिल है। इन स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने लिखित में शिकायत की थी। अब कलेक्टर ने इन सभी स्कूलों को फीस अधिनियम 2017 का पालन न करने पर पालकों को शुल्क वापस करने का आदेश जारी किया है।
स्कूलों पर जुर्माना लगाने का आदेश
फीस अधिनियम का पालन न करने के कारण स्कूलों पर भोपाल कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए शुल्क वापस करने का आदेश तो जारी किया ही इन स्कूलों पर जुर्माना लगाने का आदेश भी दिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जहां प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं स्कूल संचालक भी अपनी मनमर्जी करना नहीं छोड़ रहे हैं। शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के निजी स्कूलों को निर्देश दिया था कि वे अपनी फीस का ब्योरा विभागीय पोर्टल पर अपलोड करें। उसके लिए समय सीमा भी 24 जून तय की गई थी।
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निजी स्कूलों में अनियमितताओं की भी हो रही है जांच
मध्यप्रदेश सरकार विशेष अभियान चलाकर निजी स्कूलों में अनियमितताओं की जांच की जा रही है। कुछ स्कूलों का फर्जी और डुप्लीकेट पाठ्य-पुस्तकों को सिलेबस में शामिल करने का मामला भी सामने आया था। इसके बाद कई बड़े फर्जीवाड़े उजागर होने के बाद सरकार यह सख्त कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिए 25 जनवरी 2018 में फीस रेगुलेशन एक्ट लागू किया गया था।
जुर्माने की राशि दो लाख रुपए तक हो सकती है
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इन चारों स्कूलों ने फीस अधिनियम 2017 के नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए इन स्कूलों पर धारा नौ (9) में जुर्माना लगाया जाएगा इसकी राशि दो लाख तक हो सकती है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में पालकों से नियम विरुद्ध शुल्क लेने की शिकायतें प्रशासन के पास पहुंची थी। इन शिकायतों पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने चारों स्कूलों को अभिभावकों से ली गई एक्स्ट्रा फीस वापस करने का आदेश दिया है।