डीएमई डॉ. अरुणा कुमार की नियुक्ति पर मचा विवाद: 24 घंटे में आदेश वापस नहीं तो होगा आंदोलन!
डॉ. अरुणा की नियुक्ति के खिलाफ मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। दोनों संगठनों ने नियुक्ति आदेश को 24 घंटे में निरस्त करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि आदेश वापस नहीं लिया, तो बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा।
MP News : डीएमई (डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन) डॉ. अरुणा कुमार की नियुक्ति का मामला विवादों में घिरा हुआ है, इसके बावजूद उन्होंने शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा संचालनालय में कार्यभार संभाला। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठकें भी शुरू कर दी।
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने डॉ. अरुणा का नियुक्ति के आदेश 24 घंटे के भीतर निरस्त करने की मांग की है और अल्टीमेटम दिया है कि नियुक्ति के आदेश वापस नहीं लिए तो डॉक्टर संगठन मिलकर आंदोलन करेंगे।
गांधी मेडिकल कॉलेज के गायनिक विभाग में एचओडी (2023) के पद पर रहते हुए डॉ. अरुणा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे थे। एक पीजी छात्रा, बाला सरस्वती ने आत्महत्या के पहले अपने सुसाइड नोट में डॉ. अरुणा और अन्य सीनियर डॉक्टरों पर प्रताडऩा का आरोप लगाया था। इसके बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने डॉ. अरुणा को बर्खास्त करने की मांग की थी। उनकी बर्खास्तगी के बाद भी विवाद थमा नहीं और उन्हें गांधी मेडिकल कॉलेज का डीन बना दिया गया, जिस पर फिर से जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल की थी।
डॉ. अरुणा की विवादास्पद पृष्ठभूमि
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेन्द्र को पत्र लिखकर डॉ. अरुणा की नियुक्ति पर अपनी आपत्ति जताई। एसोसिएशन का कहना है कि चिकित्सा शिक्षक, जूनियर डॉक्टर, महिला चिकित्सक और कर्मचारी सभी डॉ. अरुणा की डीएमई पद पर नियुक्ति से आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि डॉ. अरुणा ने अपने कार्यकाल के दौरान कई डॉक्टरों को परेशान किया और कई डॉक्टरों ने उनकी परेशानियों के कारण नौकरी छोड़ दी।
संभागायुक्त भोपाल की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी ने डॉ. अरुणा को गांधी मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा शिक्षा से अन्य पदस्थ करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद एमटीए ने आरोप लगाया कि जिन विवादित डॉ. अरुणा कुमार को डीन पद से हटाया गया था, उन्हें अब डीएमई बनाने से इस पद की गरिमा और विभाग की छवि को नुकसान होगा।
डॉ. अरुणा ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन के दूसरे कार्यकाल में 80 से अधिक मेडिकल टीचर्स के सीआर (Confidential Reports) बिगाड़ दिए थे। मेडिकल टीचर्स का कहना है कि ऐसे विवादास्पद व्यक्ति को महत्वपूर्ण पद पर बैठाने से चिकित्सकों, छात्रों और कर्मचारियों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे विभाग की कार्यकुशलता पर असर पड़ेगा।
डॉ. अरुणा कुमार पर कई डॉक्टरों और कर्मचारियों द्वारा दुव्र्यवहार और प्रताडऩा के आरोप लगाए गए हैं। उनका पदस्थापन कई विवादों के कारण हुआ है, जिसमें एक छात्रा की आत्महत्या और जूनियर डॉक्टरों द्वारा आंदोलन शामिल हैं।
गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉ. अरुणा की भूमिका क्या रही है?
गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉ. अरुणा कुमार गायनिक विभाग की एचओडी रही हैं और बाद में उन्हें डीन के रूप में नियुक्त किया गया। उनकी कार्यशैली के कारण उन्हें कई बार विवादों का सामना करना पड़ा।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने जताया विरोध | डॉक्टर एसोसिएशन का अल्टीमेटम | मध्य प्रदेश डॉक्टर एसोसिएशन | MP उच्च शिक्षा विभाग | डॉ. अरुणा कुमार को 24 घंटे में हटाया