मध्य प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग संचालनालय ( Directorate of Religious Trust and Endowment Department ) के डायरेक्टर ई रमेश कुमार ( Director E Ramesh Kumar ) उज्जैन पहुंचे। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने के बाद मंदिर में दर्शनार्थियों की व्यवस्थाओं को देखा। डायरेक्टर ई रमेश ने कहा कि भगवान महाकाल के दर्शन के बाद यहां की व्यवस्था के संबंध में जिला प्रशासन से रूबरू हुए, साथ ही मंदिर व्यवस्था का भी जायजा लिया और कहा कि हमारा उद्देश्य यही होगा कि यहां आने वाने श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं अच्छी हो, उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो।
महाकाल महालोक का निरीक्षण किया
डायरेक्टर ई रमेश कुमार ने मंदिर का अवलोकन करने के बाद श्री महाकाल महालोक में भी निरीक्षण किया.. जिसके बाद में उन्होने रामघाट पहुंचकर वहां की जानकारी ली। यहां से सीधा स्मार्ट सिटी कार्यालय पहुंचे, जहां पर धर्मस्व विभाग संचालनालय का कार्यालय शिफ्ट होने वाला है।
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आचार संहिता खत्म होने के बाद शिफ्ट होगा विभाग
डायरेक्टर ई रमेश कुमार ने सर्किट हाउस पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की है। बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( Chief Minister Dr. Mohan Yadav ) ने घोषणा की है कि भोपाल में स्थित धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग संचालनालय उज्जैन में शिफ्ट होने वाला है। यहां पर श्री महाकालेश्वर मंदिर होने के साथ ही सिहंस्थ महापर्व का आयोजन भी होता है। उज्जैन में जिले के सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों की संख्या करीब ढाई हजार से ज्यादा है। इसलिए धार्मिक न्यास एंव धर्मस्व विभाग संचालनालय उज्जैन में स्थानांतरित किया गया। आचार संहिता खत्म होने के बाद संचालनालय शिफ्ट होने वाला है।
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सिंहस्थ की तैयारी होगी
महाकाल की नगरी उज्जैन में सबसे ज्यादा धार्मिक नियंत्रण वाले मंदिर हैं। साथ ही महाकालेश्वर लोक भी है। ऐसे में बड़ी संख्या में बाहर से भी लोग आते हैं। उज्जैन धार्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। एक तरीके से यह धार्मिक राजधानी भी है। इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि धर्मस्व का मुख्यालय उज्जैन में शिफ्ट किया जाएगा। मुख्यालय यहां होने से मंदिरों की स्थिति में सुधार आएगा।
रोजगार को बढ़ावा मिलेगा
उज्जैन में जब धर्मस्व विभाग का मुख्यालय शिफ्ट हो जाएगा। इसके बाद संभावना है कि मंदिरों का विकास होगा। मंदिरों का जब विकास होगा तो आर्थिक तरक्की आएगी। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि हमारे मंदिर रोजगार के बड़े केंद्र हो सकते हैं। साथ ही स्वरोजगार के नए अवसर भी स्थानीय लोगों के लिए पैदा होंगे।