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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पूर्व EPFO अधिकारी श्यामलाल अखंड और उनके परिवार से जुड़ी 50.80 लाख रुपये की अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कीं। यह संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग कानून PMLA, 2002 (Prevention of Money Laundering Act) के तहत जब्त की गई हैं।
दरअसल ईडी ने मंगलवार 8 जुलाई 2025 को एक आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) और रिश्वतखोरी से जुड़े मामले में कार्रवाई की। जांच में पाया गया कि EPFO के पूर्व अधिकारी ने 2009 से 2019 के बीच अपनी वैध आय से कहीं अधिक संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की थी।
उज्जैन और इंदौर की संपत्तियां जब्त
ईडी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी कि अधिकारी ने पत्नी-बेटे के नाम पर कृषि भूमि खरीदी थी और खुद के नाम रिहायशी प्लॉट लिया है। ED के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में उज्जैन जिले के नलवा गांव की एक कृषि भूमि शामिल है, जो श्यामलाल अखंड की पत्नी और बेटे के नाम पर संयुक्त रूप से है। दूसरी संपत्ति इंदौर जिले के जख्या गांव की एमराल्ड सिटी में स्थित एक आवासीय प्लॉट है, जो अखंड के नाम पर है। इन दोनों संपत्तियों की कुल कीमत 51 लाख रुपये है।
ED, Bhopal has provisionally attached immovable assets worth Rs. 50.80 Lakh on 08.07.2025 in the form of an agricultural land located at Village Nalwa, District Ujjain, and a residential plot located at Emerald City, Village Jakhya, Indore in connection with ongoing investigation…
— ED (@dir_ed) July 9, 2025
5 पॉइंट में समझिए पूरी खबर
- ED ने पूर्व EPFO अधिकारी श्यामलाल अखंड की ₹50.80 लाख की संपत्ति जब्त की।
- जब्त संपत्तियां उज्जैन और इंदौर की, परिवार के नाम पर खरीदी गई थीं।
- कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून PMLA, 2002 के तहत की गई।
- आरोपी ने संपत्ति को वैध बताया लेकिन कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके।
- मामला CBI की दो FIR से जुड़ा— रिश्वतखोरी और आय से अधिक संपत्ति का।
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CBI केस के आधार पर कार्रवाई
ईडी का दावा है कि अखंड ने ये संपत्तियां अवैध कमाई से खरीदी थीं। यह कार्रवाई CBI द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर के आधार पर हुई है। इस केस की जड़ें CBI द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर में हैं। एक एफआईआर में श्यामलाल अखंड पर रिश्वत लेने के आरोप हैं, जबकि दूसरी एफआईआर उनकी ज्ञात वैध आय से अधिक संपत्ति रखने को लेकर दर्ज की गई थी। ईडी ने इसी मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई की है।
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आरोपी ने बताया ईमानदार मेहनत की कमाई
ED द्वारा पूछताछ में अखंड ने अपनी संपत्ति को वैध और ईमानदार कमाई से अर्जित बताया। उन्होंने कहा कि यह धन वेतन, किराये, कृषि आमदनी और पत्नी के कढ़ाई-सिलाई व्यवसाय से प्राप्त हुआ है। हालांकि जब एजेंसी ने उनसे पत्नी के व्यवसाय से जुड़ी आय या उसका अस्तित्व साबित करने वाले दस्तावेज मांगे, तो वह कोई भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके अलावा, उनके परिवार के खातों में भारी नकद जमा भी मिला, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
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