मंत्री संपतिया उइके पर जांच बैठाना ENC संजय अंधवान को पड़ा भारी, अब खुलेंगी करप्शन की फाइलें

एमपी सरकार की PHE मंत्री संपतिया उइके पर जांच बैठाने वाले ईएनसी संजय अंधवान अब खुद करप्शन के आरोप में फंस गए हैंं। मामला अदालत तक पहुंच चुका है।

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Rohit Sahu
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जल जीवन मिशन में मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ के कमीशन लेने के आरोप पर जांच बैठाने वाले प्रमुख अभियंता (ENC) संजय अंधवान अब खुद सवालों के घेरे में हैं। संजय पर 20 साल पुराने एक मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। साल 2005-06 में नगर निगम भोपाल में प्रतिनियुक्ति के दौरान उनके खिलाफ रिकॉर्ड में हेराफेरी की जांच शुरू हुई थी, जो आज तक लटकी हुई है।

18 जुलाई को सुनवाई

हाल ही में मंत्री पर कार्रवाई करके चर्चा में आए अफसर संजय अंधवान अब खुद मुश्किल में हैं। अब उनके पुराने मामले फिर से खुल गए हैं। कोर्ट में केस चल रहा है और लोकायुक्त की जांच भी फिर से चर्चा में आ गई है। अंधवान के खिलाफ जांच में लोकायुक्त की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। अब 18 जुलाई को अदालत तय करेगी कि आगे क्या कार्रवाई होगी।

पहले की सुनवाई में क्या हुआ

भ्रष्टाचार की शिकायत पर लोकायुक्त (Lokayukt) ने पहले इस केस को खारिज करने की रिपोर्ट न्यायालय में सौंपी थी। मगर कोर्ट ने उस रिपोर्ट को नामंजूर करते हुए दोबारा बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए। अब यह मामला 18 जुलाई को अदालत में सुनवाई के लिए लिस्टेड है। इस दिन लोकायुक्त की जांच और कार्रवाई के भविष्य का निर्णय संभव है।

कोलार जलसंवर्धन परियोजना में किया घोटाला

मामला भोपाल की कोलार जलसंवर्धन योजना (Kolar Water Project) से जुड़ा है, जहां एक ठेकेदार की कुल 5 करोड़ की बैंक गारंटी संजय अंधवान की कस्टडी में थी। इसमें से 2.5 करोड़ की मूल बैंक गारंटी और 2.5 करोड़ की वेरिफाइड कॉपी थी। संजय पर आरोप है कि उन्होंने रिकॉर्ड से छेड़छाड़ (Tampering) और दस्तावेजों की गड़बड़ी की। 

इसके चलते विभाग ने अंधवान को 24 अगस्त 2006 से 6 नवंबर 2006 तक कुल 75 दिन निलंबित कर दिया था। बाद में विभागीय जांच में दोष पाए जाने पर उनकी दो वेतनवृद्धियां रोकी गईं। इस मामले में लोकायुक्त ने अंधवान और अन्य अफसरों पर केस भी दर्ज किया था।

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मंत्री ने दिया स्पष्ट संकेत: गड़बड़ी की तो जांच जरूर होगी

मंत्री संपतिया उइके ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि किसी अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है या भ्रष्टाचार किया है, तो उसकी निष्पक्ष जांच होना जरूरी है। उन्होंने संकेत दिया कि संजय अंधवान के पुराने मामलों की फाइलें दोबारा खोली जाएंगी। वहीं, यह भी माना जा रहा है कि सरकार अब उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।

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बचते नजर आए संजय अंधवान

इस पूरे मामले में संजय अंधवान का पक्ष सामने नहीं आ पाया है। मीडिया द्वारा जब उनसे कोलार परियोजना के गारंटी घोटाले और विभागीय जांच की बाबत पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यह चुप्पी अब और ज्यादा संदेह पैदा कर रही है।

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मंत्री के खिलाफ जांच के निर्देश देकर चर्चा में आए

दरअसल सोमवार (30 जून) को मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ के कमीशन के आरोपों की जांच के लिए ईएनसी संजय अंधवान ने सभी अभियंताओं और जल निगम प्रोजेक्ट डायरेक्टरों से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। जब यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो विभाग ने यू-टर्न लेते हुए आरोपों को झूठा बताया। इसके बाद मंगलवार को कैबिनेट में हंगामा हुआ। इसके बाद जांच के आदेश देने वाले ईएनसी संजय अंधवान को अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया गया।

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