निगम बिल घोटाले में अभय राठौर ने बताए 62 नाम, इंजीनियर गुप्ता पर 45 करोड़ घोटाले के आरोप लगाए

अभय राठौर ने इस मामले में एफआईआर कराने वाले ड्रेनेज विभाग के इंजीनियर सुनील गुप्ता पर जमकर आरोप लगाए हैं। राठौर ने कहा कि वह 45 करोड़ के घोटाले में शामिल है। उसके पास इस घोटाले की फाइल है और यदि जांच हुई तो सब कुछ सामने आ जाएगा।

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Sandeep Kumar
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संजय गुप्ता @INDORE. नगर निगम के फर्जी 150 करोड़ के बिल घोटाले में गिरफ्तार में आए निलंबित इंजीनियर अभय राठौर ( Engineer Abhay Rathore ) ने पुलिस की पूछताछ में साफ तौर पर बोल दिया है कि निगम में कोई भी काम बिना लेन-देन के नहीं होता है। ऊपर से नीचे तक सभी का कमीशन का बंधा हुआ है। उसने 62 लोगों के नाम भी पुलिस को बताए हैं और कहा कि यह सभी भ्रष्ट है और इनकी सूचना मैंने अधिकारियों को दी थी। राठौर को कोर्ट में पेश कर 15 मई तक रिमांड पर लिया गया है। एडिशनल कमिशनर अमित सिंह ( Additional Commissioner Amit Singh ) और डीसीपी पंकज पांडे ने पूछताछ की। 

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FIR कराने वाले गुप्ता पर 45 करोड़ के आरोप

राठौर ने इस मामले में एफआईआर कराने वाले ड्रेनेज विभाग के इंजीनियर सुनील गुप्ता पर जमकर आरोप लगाए हैं। राठौर ने कहा कि वह 45 करोड़ के घोटाले में शामिल है। उसके पास इस घोटाले की फाइल है और यदि जांच हुई तो सब कुछ सामने आ जाएगा। मास्टर माइंड सुनील गुप्ता है और वही ड्रेनेज विभाग देखता है। खुद को बचाने के लिए मुझे फंसाया है। उल्लेखनीय है कि गुप्ता की कार से ही इस घोटाले से जुड़ी मूल 20 फाइल चोरी हुई थी, जिसकी 5 मार्च को थाने में रिपोर्ट कराई थी, इसकी आज तक पूरी जांच नहीं हुई कि आखिर वह चोरी कैसे हुई? 

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गुप्ता ने ही कराई मेरी शिकायतें

ड्रेनेज विभाग से विदाई होने के बाद गुप्ता को पद मिला। इसी बात के चलते राठौर और गुप्ता के बीच विवाद रहा है। राठौर ने कहा कि गुप्ता ने मुझे उलझाने के लिए पहले ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त में भी शिकायत की थी और अब एफआईआर कराई है। वही सुनील गुप्ता ने राठौर के आरोप को लेकर कहा की राठौर कुछ भी कह सकते हैं वह 4 साल से मेरे पीछे पड़े हुए हैं। पुलिस जांच कर रही है, सब साफ हो जाएगा।

नीचे से ऊपर तक सभी लेते हैं कमीशन

59 वर्षीय राठौर ने पुलिस को बताया कि बिना अधिकारियों की मंजूरी के भुगातन संभव ही नहीं है।  घोटाले में सभी मिले हैं, फाइल जोन से चलती है और चेक होते हुए आती है। शुरू से अंत तक कमशीन बंधा है। जिन फाइल में मुझे आरोपी बनाया है वह भी सिस्टम से चली है और यह घोटाला सैंकड़ों करोड़ रुपए का है। राठौर ने बताया कि पुलिस केस के पहले मैंने 62 लोगों के नाम की जानकारी अधिकारियों को दी थी कि सभी की जांच हना चाहिए। सबसे ज्यादा लेन-देन ऑडिट, जोन, लेखा और वित्त के कर्मचारी अधिकारी करते हैं। जोन से शाखा तक 15 फीसदी कमीशन लगता है। 

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पूछताछ में बढ़ गई शुगर 

पूछताछ के दौरान राठौर की शुगर 300 तक पहुंच गई। फिर उसे इंसुलिन दिया गया इसके बाद फिर पूछताछ लंबी चली। यूपी के ऐटा से गिरफ्तार निगम घोटाले का मुख्य सरगना ईई अभय राठौर बेटे जयसिंह के ससुराल वालों की मदद से एक मकान में फरारी काट रहा था। वह जैसे ही दाढ़ी-कटिंग करवाने सैलून पर आया, सादी वर्दी में तैनात पुलिस वालों ने उसे पकड़ लिया। पुलिस ने शुक्रवार सुबह 11 से शाम 4 बजे तक उसकी रैकी की। 5 बजे वह जैसे ही आया, उसे गिरफ्तार कर लिया। 800 किमी दूर से पुलिस उसे शुक्रवार देर रात इंदौर लेकर पहुंची।

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अभी तक 60 करोड़ के बिल वाली 42 फाइल पकड़ी

डीसीपी पंकज पांडे ने बताया अब तक 42 फाइलें जब्त की हैं। इसमें 60 करोड़ के बिल है। इसमें से 30 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। बाकी फाइलो की जांच जारी है। इस मामले में अभी तक पुलिस अभय राठौर के साथ ही ठेकेदार साजिद, जाकिर, रेणु वढेरा, राहुल वढेरा, उदय भदौरिया, चेतन भदौरिया, मुरलीधरन, राजकुमार साल्वी कुल नौ को गिरफ्तार कर चुकी है। अभी ठेकेदार इमरान और मौसम व्यास फरार है, दोनों पर 5-5 हजार का ईनाम घोषित है।

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