भोपाल में इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट, पुलिस ने ऐसे किया रेस्क्यू

राजधानी भोपाल में टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर प्रमोद कुमार को डिजिटल अरेस्ट करने का मामला सामने आया है। हालांकि, समय रहते क्राइम ब्रांच की टीम ने पहुंचकर इंजीनियर को बचाया है। 

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Sandeep Kumar
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Engineer digital arrested
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भोपाल में एक टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर प्रमोद कुमार (Engineer Pramod Kumar ) को जालसाजों ने 6 घंटे तक बंदी बना लिया। जालसाजों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर इंजीनियर को धमकी दी और करीब 3.5 लाख रुपए की मांग की। समय रहते Crime Branch ने पहुंचकर इंजीनियर को बचाया। बताया जा रहा है कि भोपाल में डिजिटल अरेस्ट का ये दूसरा मामला है, इससे पहले भी एक मामला सामने आ चुका था। 

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 बदमाशों के पास थी पूरी कुंडली

फोन करने वालों के पास प्रमोद से जुड़ी पूरी जानकारी थी कि वह कितने बजे ऑफिस जाते हैं और कितने बजे वापस आते हैं। उनका बैंक खाता किस बैंक में हैं। यहां तक कि उन्होंने कब-कहां से लोन लिया है। उनके फोन की पूरी हिस्ट्री भी उनके पास थी। उनके पास वेटिंग में आ रहे सभी फोन नंबर की जानकारी थी। ठग उन्हें फोन कर धमका रहे थे। 

पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा (Harinarayanchari Mishra ) ने बताया कि बजरिया थाना क्षेत्र के गायत्री नगर में रहने वाले इंजीनियर प्रमोद कुमार को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। ठग का प्लान बनाने वालों आरोपियों ने खुद को EOW का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके फोन नंबर से बड़े पैमाने पर Bank Transaction हुए हैं। थोड़ी देर बाद वीडियो कॉल पर तीन लोग पुलिस की वर्दी में दिखाई दिए और धमकी दी कि उनके नंबर से फिरौती के पैसे ट्रांसफर हुए हैं। यह सुनकर प्रमोद घबरा गए, और ठगों की धमकी के आगे चुप्पी साध ली।

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इंजीनियर हुआ था डिजिटल अरेस्ट

जालसाजों ने इंजीनियर को धमकाते हुए साढ़े तीन लाख रुपए तुरंत भेजें। डरे-सहमे प्रमोद ने खुद को परिवार से अलग कर लिया और सबसे संपर्क बंद कर दिया । जब देर रात तक वो कमरे से बाहर नहीं निकले, तो उनकी पत्नी ने दफ्तर के सहकर्मियों को सूचना दी है। सुबह सहकर्मियों के माध्यम से क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली। एडिश्नल DCP Shailendra Singh Chauhan ने अपनी टीम के साथ प्रमोद के कमरे में पहुंचे। इसके बाद प्रमोद ने क्राइम ब्रांच के सामने पूरी घटना का खुलासा किया।

FAQ

डिजिटल अरेस्ट क्या है ?
डिजिटल अरेस्ट एक तरह की जालसाजी है जिसमें अपराधी, पीड़ित को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे पुलिस या किसी सरकारी एजेंसी के अधिकारी हैं और उस पर किसी गंभीर अपराध का आरोप लगाते हुए पैसे की मांग करते हैं।
इंजीनियर प्रमोद कुमार को कब और किस तरह से जालसाजों ने बंदी बनाया ?
इंजीनियर प्रमोद कुमार को भोपाल में जालसाजों ने 6 घंटे तक बंदी बना लिया। जालसाजों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए उन्हें धमकी दी और 3.5 लाख रुपए की मांग की।
प्रमोद कुमार को किन हालात में बचाया गया?
प्रमोद कुमार को क्राइम ब्रांच की टीम ने समय रहते बचाया। जब उनकी पत्नी ने प्रमोद की अनुपस्थिति के बारे में सहकर्मियों को जानकारी दी, तो उन्होंने क्राइम ब्रांच को सूचित किया, जिसके बाद टीम प्रमोद के कमरे में पहुंची।
जालसाजों के पास प्रमोद कुमार की कितनी जानकारी थी?
जालसाजों के पास प्रमोद कुमार की बहुत सारी व्यक्तिगत जानकारी थी, जैसे उनके ऑफिस जाने और लौटने का समय, बैंक खाता जानकारी, लोन डिटेल्स, और फोन की पूरी हिस्ट्री।

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