जिला प्रशासन करीब एक साल से पीडी अग्रवाल कंपनी के अवैध तालाब खनन की जांच ही कर रहा है, कुल मिलाकर मामला ठंडे बस्ते में डाल रखा है। इस मामले में सूचना के अधिकार में भी एक संस्था को जिला पंचायत इंदौर ने जानकारी नहीं दी है। वहीं अब इस मामले में ईओडब्ल्यू में हुई शिकायत पर जांच शुरू हो गई है और शिकायतकर्ता के बयान हो चुके हैं।
सात माह पहले हुई थी तालाब में अवैध खनन की शिकायत
ग्रामीण वालों ने और पर्यावरण हितैषी फाउंडेशन संस्था ने मेसर्स पीडी अग्रवाल इन्फ्रा लिमिटेड इंदौर व अन्य के विरुद्ध इंदौर जनपद के खुडैलखुर्द व खेमाना तालाब में खनिज विभाग व प्रशासन द्वारा मिली मंजूरी से अधिक गहराई कर तालाब खोदकर अवैध खनन की शिकायत की थी। शिकायतकर्ता मुकेश अमोलिया ने बताया कि इसमें ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी है और बयान दर्ज होना शुरू हो चुके हैं। ईओडब्ल्यू ने शिकायत पंजीबद्ध कर ली है।
प्रशासन ने खुद माना था गलत तालाब खोद रहे
इन दोनों तालाबों को लेकर खुद जिला पंचायत सीईओ आईएएस सिद्धार्थ जैन की रिपोर्ट में आ चुका है कि गलत खनन हुआ है और इसके लिए वह संबंधित अधिकारियों को अक्टूबर 2024 में पत्र लिख चुके हैं। इसमें लिखा था कि सहायक यंत्री व उपयंत्री द्वारा इस संबंध में रिपोर्ट दी गई है कि रोड निर्माण कंपनी पीडी अग्रवाल इन्फ्रा द्वारा तालाब में खनिज विभाग से मिली मंजूरी से ज्यादा खनन कर तालाबों को क्षतिग्रस्त किया गया है। इसलिए कंपनी पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
खबर यह भी...इंदौर के 3 छात्रों ने टीचर्स के मीम्स सोशल मीडिया पर किए वायरल, स्कूल से किया टर्मिनेट
अक्टूबर से प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ
इस मामले में खनिज विभाग की नोडल अधिकारी आईएएस ज्योति शर्मा ने इसमें खनिज विभाग से रिपोर्ट मांगी, इसमें तत्कालीन अधिकारी संजय लुणावत थे जो पीडी अग्रवाल के करीबी होकर उन्हीं की कार में घूमते थे, उन्होंने हल्की रिपोर्ट बना दी। इसके बाद शर्मा ने इस रिपोर्ट को लौटा दिया और ढंग से जांच की बात कही। बाद में लुणावत ने वीआरएस ले लिया और इधर आईएएस ज्योति शर्मा व खनिज अधिकारियों ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
खबर यह भी...इंदौर में वक्फ संपत्तियों की दोबारा जांच शुरू, 645 संपत्तियों पर पड़ताल जारी
अब सूचना के अधिकार में जानकारी नहीं
इस मामले में गैर सरकारी संस्था पर्यावरण हितैषी ने इसी कंपनी द्वारा अन्य तालाब गोगाखेड़ी में भी इसी तरह अवैध खनन की शिकायत की थी और इस मामले में सीईओ जैन के पास सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी थी। यह आवेदन जिला पंचायत में 6 जनवरी 2025 को लगा था, इसमें अवैध खनन की जांच रिपोर्ट व मौके की स्थिति आदि की जानकारी मांगी थी, लेकिन पंचायत विभाग से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें