MP News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक बड़ा धोखाधड़ी मामला सामने आया है। ईओडब्ल्यू ने एक व्यक्ति के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया है, जिसने मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर भूमि का विक्रय किया। यह मामला तब सामने आया जब माण्डवी सिंह और शिवेन्द्र विक्रम सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई कि उनके पिता शिवाजी सिंह द्वारा वर्ष 1972 में खरीदी गई 30 एकड़ भूमि का फर्जी तरीके से विक्रय किया जा रहा था।
फर्जी अभिलेख तैयार करने का आरोप
शिकायत के अनुसार, शिवाजी सिंह की मौत 11 साल पूर्व हो चुकी थी। उनके मौत के बाद दिग्विजय सिंह, जो कि अयोध्या (उत्तर प्रदेश) के निवासी हैं, ने अन्य लोगों के साथ मिलकर भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इन दस्तावेजों के माध्यम से उन्होंने मृत व्यक्ति के नाम पर भूमि का फर्जी मालिकाना हक हासिल किया और इस जमीन को कई लोगों को बेईमानी से बेचा।
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EOW जांच में यह पाया गया कि शिवाजी सिंह ने ग्राम रतहरा, तहसील हुजूर, जिला रीवा में स्थित 30 एकड़ भूमि खरीदी थी। उनकी मौत के बाद राजेन्द्र सिंह और अन्य लोगों ने मिलकर इस भूमि को हड़पने की साजिश रची। उन्होंने दिग्विजय सिंह के माध्यम से फर्जी अभिलेख तैयार किए और भूमि का विक्रय किया।
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आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
शिकायत की सत्यता पाई जाने के बाद, ईओडब्ल्यू ने दिग्विजय सिंह, राजेन्द्र सिंह और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू रीवा ने बताया कि इस मामले की जांच चल रही है। इस मामले में आगे जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
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मामले की महत्वपूर्ण जानकारी
- भूमि का क्षेत्रफल: 30 एकड़
- भूमि का असली मालिक: शिवाजी सिंह
- मौत की तारीख 11 जनवरी 2014
- फर्जी अभिलेख बनाने वाले: दिग्विजय सिंह, राजेन्द्र सिंह
- विक्रय की तिथि: 2014 से 2024
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भविष्य में और क्या खुलासे हो सकते हैं?
जांच के दौरान और अधिक तथ्यों का खुलासा होने की संभावना है। राज्य सरकार और पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। इससे पहले भी, मध्य प्रदेश में भूमि हड़पने की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इस बार मामले की गहराई से जांच हो रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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