MP में बीयर घोटाला : आबकारी विभाग का कारनामा, 13 करोड़ की एक्सपायरी बीयर बाजार में खपा दी

मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है। विभाग ने मार्केट में 13 करोड़ रुपए की एक्सपायरी बीयर खपा दी और कागजों में दावा किया कि बीयर नष्ट कर दी गई है।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला (Liquor Scam) सामने आया है। एक्सपायरी बीयर को नष्ट दिखाकर बाजार में बेच दिया गया। छत्तीसगढ़ से वापस भेजी गई 13 करोड़ की बीयर (Beer) बिना अनुमति एमपी में लाई गई और शराब दुकानों (Liquor Shops) में बेच दिया गया। आबकारी विभाग (Excise Department) ने रिकॉर्ड में नष्ट करने का दावा किया है। अब मामला मुख्य सचिव तक पहुंच गया है और जांच की मांग उठ रही है।

क्या है पूरा मामला

सोम कंपनी की हंटर बीयर को 50 ट्रकों में भरकर मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ भेजा गया था। कुल 55,090 पेटी बीयर की एक्सपायरी डेट समाप्त होने के कारण सितंबर 2024 में इसे वापस मध्य प्रदेश लाया गया। हालांकि, इस बीयर को छत्तीसगढ़ से लाने के लिए आबकारी आयुक्त से कोई अनुमति नहीं ली गई।

बाद में इसे मध्य प्रदेश की शराब दुकानों में बेच दिया गया। मामले को दबाने के लिए रायसेन के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया कि 21 जनवरी 2025 को यह बीयर नष्ट कर दी गई थी।

रिकॉर्ड में किया गया हेरफेर

रायसेन के आबकारी अधिकारी (Excise Officer) ने जनवरी 2025 में प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि 21 जनवरी को पूरी बीयर नष्ट कर दी गई। उन्होंने दावा किया कि 50 ट्रकों की बीयर महज कुछ घंटों में नष्ट कर दी गई। यह संभव नहीं था।

13 करोड़ की बीयर चार करोड़ की बताई 

विभाग ने दावा किया कि नष्ट की गई बीयर की कीमत 4.2 करोड़ रुपए थी, लेकिन हकीकत में इसकी कीमत 13.22 करोड़ रुपए थी। एक पेटी की कीमत औसतन 2400 रुपए थी, जिससे कुल कीमत ज्यादा बनती है।

Excise Department पर कई सवाल उठ रहे हैं

अब घोटाले के बाद डिपार्टमेंट पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर बिना अनुमति के बीयर वापस कैसे आई, इसका भाड़ा किसने दिया? जिन ट्रकों में बीयर आई उनका ब्यौरा क्यों नहीं दिया गया? सोम डिस्टलरी (SOM Distillery) ने इतनी बीयर बिना मंजूरी कैसे स्टोर करके रखी?

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मुख्य सचिव ने लिया संज्ञान

आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) अभिजीत अग्रवाल ने रायसेन के आबकारी अधिकारी को नोटिस दिया था। लेकिन नष्ट करने की प्रक्रिया पर कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद मामला मुख्य सचिव अनुराग जैन (Chief Secretary Anurag Jain) तक पहुंच गया है। सूत्रों का कहना है कि आबकारी आयुक्त की भूमिका की भी जांच हो सकती है।

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