मध्य प्रदेश में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर शराब ठेकों का आवंटन किया गया। इस घोटाले में कई शराब ठेकेदारों, आबकारी अधिकारियों और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। शिकायतकर्ता बी. के. माला द्वारा 28 जून 2023 को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई। जांच में यह पता चला कि नियमों का उल्लंघन करते हुए शराब ठेकेदारों को फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर लाइसेंस दिए गए।
फर्जी बैंक गारंटी का मामला
जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा (सिंगरौली) के तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक नागेन्द्र सिंह ने 15 करोड़ 32 लाख रुपए की 14 फर्जी बैंक गारंटी जारी कीं। इनमें से 9 गारंटी शराब ठेकेदारों को दी गई थीं, जिन्होंने उनका इस्तेमाल रीवा, सिंगरौली, उमरिया और सतना जिलों में शराब ठेके प्राप्त करने के लिए किया।
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बैंक गारंटी की नियमों के विपरीत स्वीकृति
मध्य प्रदेश शासन की आबकारी नीति के अनुसार, शराब ठेके के लिए बैंक गारंटी केवल किसी सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसूचित बैंक या म.प्र. राज्य के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से ही जारी की जा सकती थी। लेकिन इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी बैंक गारंटी को स्वीकार किया गया, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुसूचित बैंकों की सूची में शामिल नहीं है।
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आबकारी अधिकारी की मिलीभगत
जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन ने भी नियमों के विपरीत जाकर इन फर्जी बैंक गारंटियों को स्वीकार किया और शराब ठेकेदारों को लाइसेंस दिए। शिकायत के बाद, अनिल जैन ने लाइसेंसियों से अनुसूचित बैंकों की गारंटी प्राप्त कर इस अपराध को दुरुस्त करने की कोशिश की।
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आरोपियों के खिलाफ FIR
इस मामले में नागेन्द्र सिंह, अनिल जैन और शराब ठेकेदारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 की धारा 7 (सी) के तहत आपराधिक केस दर्ज किया गया है।
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प्रमुख आरोपी
- नागेन्द्र सिंह, तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, शाखा मोरबा, सिंगरौली
- नृपेन्द्र सिंह, प्रोप. मेसर्स मां लक्ष्मी इण्टरप्राईजेज, हनुमना
- अजीत सिंह, प्रोप. मेसर्स आशा ऐन्टरप्राईजेज, इटौरा
- उपेन्द्र सिंह बघेल, मउगंज शराब दुकान समूह
- आदित्य प्रताप सिंह, रायपुर कर्चुलियान शराब दुकान समूह
- विजय बहादुर सिंह, प्रोप. मे. आर्याग्रुप, समान नाका शराब दुकान समूह
- अनिल जैन, जिला आबकारी अधिकारी, जिला रीवा