STF ने किया फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों से नौकरी पाने वालों का पर्दाफाश, डॉक्टर-इंजीनियर समेत कई अफसर फंसे!

मध्य प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों के जरिए सरकारी नौकरी पाने वाले कई अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ ग्वालियर एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की है।

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Sourabh Bhatnagar
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मध्य प्रदेश में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दरअसल, जाति प्रमाण पत्रों का गलत इस्तेमाल करके सरकारी विभागों में नौकरी करने वाले 20 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

ग्वालियर एसटीएफ (Special Task Force) ने यह मामला उजागर किया और प्रारंभिक जांच में पाया कि ये अफसर और कर्मचारी ग्वालियर, चंबल, इंदौर, शाजापुर, विदिशा, होशंगाबाद, और बैतूल जैसे प्रमुख जिलों में राजस्व, पुलिस, मेडिकल, और पीडब्ल्यूडी (Public Works Department) जैसे सरकारी विभागों में तैनात थे।

ग्वालियर से सबसे अधिक फर्जी प्रमाण-पत्र बने

इस पूरे मामले में ग्वालियर से सबसे अधिक फर्जी जाति प्रमाण-पत्र जारी होने की पुष्टि हुई है। एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार, इस मामले में 40 से 45 आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना है।

एसटीएफ को दो महीने पहले गौरीशंकर राजपूत से शिकायत मिली थी, जिसके बाद ग्वालियर एसटीएफ ने जांच शुरू की। शिकायत की पुष्टि होने पर, एसटीएफ ने पांच अलग-अलग टीमें गठित की और एक SIT का गठन किया।

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फर्जी प्रमाण-पत्रों पर नौकरी और वेरिफिकेशन

फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों के जरिए नौकरी करने की इस प्रक्रिया में गैंग के सदस्य ने सरकारी विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर काम किया। यह गैंग न केवल फर्जी प्रमाण-पत्रों पर नौकरी लगवाने में सफल हुआ, बल्कि जॉइनिंग के बाद संबंधित विभाग से वेरिफिकेशन लेटर भी प्राप्त किया और प्रमाण-पत्रों को सही साबित करवा लिया। ग्वालियर में अधिकांश प्रमाण-पत्रों का वेरीफिकेशन एसडीएम (Sub-Divisional Magistrate) कार्यालय में हुआ।

शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी शामिल

जिन 25 कर्मचारियों और अफसरों पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें ग्वालियर के शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा, एक डॉक्टर और इंजीनियर का नाम भी जांच के दायरे में है।

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ग्वालियर एसटीएफ की कार्रवाई

एसटीएफ के एसपी राजेश भदौरिया ने बताया कि फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने और उनका वेरिफिकेशन कराने वाली गैंग में सरकारी कर्मचारियों का भी हाथ था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनकी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

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