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MP News : मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में बायोमेट्रिक क्लोनिंग और सॉल्वर सिस्टम के जरिए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मुरैना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो आधार पहचान बदलकर फर्जी परीक्षार्थियों से परीक्षा दिलवाते थे। ये गैंग करीब 8 से 10 लाख रुपए लेकर अभ्यर्थियों को पास करवा देता था।
आधार क्लोनिंग और बायोमेट्रिक अपडेट का खेल
गिरोह के सदस्यों ने तकनीकी विशेषज्ञता का गलत इस्तेमाल कर बायोमेट्रिक अपडेट की प्रक्रिया को हैक किया। वे असली उम्मीदवार की जगह सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलवाते थे। कानपुर के युवक राहुल गुप्ता पॉलीमर तकनीक से फिंगरप्रिंट क्लोन करता था, जो फर्जी पहचान की रीढ़ बनती थी।
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परीक्षा से पहले और बाद में दो बार बदला बायोमेट्रिक
मुख्य आरोपी रामरूप गुर्जर ने परीक्षा से एक महीने पहले और एक महीने बाद बायोमेट्रिक डाटा अपडेट कराया। इससे शक गहराया और जांच शुरू हुई। इस बायोमेट्रिक असमानता की जांच एएसपी प्रदीप पटेल के नेतृत्व में की गई।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिकाएं
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नाम | स्थान | भूमिका |
रामरूप गुर्जर | मुरैना | फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने वाला मुख्य अभ्यर्थी |
अमरेंद्र उर्फ बाहुबली | पटना | सॉल्वर, जिसने रामरूप के नाम से परीक्षा दी |
सुरेंद्र कुशवाह | मुरैना | ऑपरेटर, जिसने बायोमेट्रिक अपडेट किया |
शिवम शर्मा | महोबा | आधार और फिंगरप्रिंट उपलब्ध कराता था |
राहुल गुप्ता | कानपुर | फिंगरप्रिंट क्लोनिंग का तकनीकी विशेषज्ञ |
संदीप रजक | झांसी | बायोमेट्रिक क्लोनिंग के लिए आधार प्रदान करता था |
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ये चार आरोपी अब भी फरार हैं, 10,000 का इनाम घोषित
- -अशोक गुर्जर (मुख्य सरगना)
- -अमिताभ रावत (मध्यस्थ)
- -लालू (लॉजिस्टिक सहयोगी)
- -आशीष उर्फ साकेत (बिहार के पटवारी, सॉल्वर उपलब्ध कराता था)
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इस फर्जीवाड़े की शुरुआत और विस्तार
एसपी राजेश व्यास के अनुसार, यह फर्जीवाड़ा 2023 से लगातार चल रहा था। गिरोह ने यूपी, बिहार और गुजरात में नेटवर्क फैला रखा था। जानकारी मिली थी कि कुछ अभ्यर्थियों के आधार बार-बार अपडेट हो रहे थे। इसके बाद तकनीकी जांच से इसका खुलासा हुआ।
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फर्जीवाड़े के संकेत कैसे पकड़ें?
- -बार-बार बायोमेट्रिक अपडेट की जानकारी
- -परीक्षा के पहले और बाद आधार में बदलाव
- -बायोमेट्रिक मशीन पर फिंगरप्रिंट न मिलना
- -सॉल्वर और असली उम्मीदवार की शारीरिक भिन्नता
- पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा | सॉल्वर गैंग | एमपी पुलिस भर्ती परीक्षा