फर्जी डीएड अंकसूचियों से नौकरी पाने वाले 8 शिक्षक पर एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई

मध्यप्रदेश में फर्जी डीएड अंकसूचियों से सरकारी शिक्षक बनने का मामला सामने आया है । एसटीएफ ने एक संगठित गैंग का खुलासा किया। गैंग फर्जी अंकसूचियां तैयार कर शिक्षकों को सरकारी नौकरी दिलवाता था।

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Ravi Awasthi
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BHOPAL.मध्यप्रदेश में फर्जी डीएड अंकसूचियों से सरकारी शिक्षक बनने का खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जांच में एक संगठित गैंग का खुलासा हुआ। गैंग ने फर्जी अंकसूचियां तैयार कर शिक्षकों को सरकारी नौकरी दिलाई। इस मामले में 8 शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 26 अन्य संदिग्धों पर जांच जारी है।

पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार एसटीएफ टीम ने जांच में पाया कि डीएड की जिन फर्जी अंकसूची पर नियुक्तियां हुईं, वे जारी ही नहीं हुई थीं। कुछ अंकसूचियां किसी अन्य को जारी की गई थीं।

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8 धराए, 26 और संदेह के दायरे में

एसटीएफ ने जिन शिक्षकों पर मामला दर्ज किया है। इनमें,गंधव सिंह रावत,साहब सिंह कुशवाह, बृजेश रोरिया, महेंद्र सिंह रावत, लोकेश सिंह, रूबी कुशवाह, रविंद्र सिंह राणा और अर्जुन सिंह चौहान शामिल हैं। ये सभी वर्तमान में मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर और इंदौर समेत विभिन्न जिलों में पदस्थ हैं।

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गैंग के तार और फर्जीवाड़े का खुलासा

प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई कि नौकरी प्रक्रिया के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों की सत्यापन रिपोर्टें भी फर्जी थीं।
एसटीएफ के अनुसार,यह पूरा मामला एक संगठित गिरोह द्वारा रचा गया षड्यंत्र है। सरकारी नौकरियां हथियाने के लिए फर्जी अंकसूचियों का इस्तेमाल करता था। गिरोह के नेटवर्क और सहयोगियों की पहचान की जा रही है।

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2  पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी 

👉एमपी में सरकारी शिक्षक पदों के लिए फर्जी डीएड अंकसूचियों का इस्तेमाल करने के मामले में STF ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच में एक संगठित गैंग का खुलासा हुआ है। इसमें फर्जी अंकसूचियां तैयार कर शिक्षकों को सरकारी नौकरी दिलाई।

👉जांच में यह पाया गया कि जिन डीएड अंकसूचियों पर नियुक्तियां हुईं, वे वास्तविक रूप से जारी नहीं हुई थीं। कुछ अंकसूचियां किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी की गई थीं।

अधिकारियों की निगरानी में जांच

यह कार्रवाई विशेष पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ) पंकज कुमार श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया,एएसपी नवीन चौधरी और डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में की गई।

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