तत्कालीन तहसीलदार पर फर्जी एनओसी अनदेखी का आरोप, 110 करोड़ का घोटाला
कोलार में 5.68 एकड़ जमीन पर फर्जी एनओसी से 110 करोड़ का लोन लिया गया। तहसीलदार पर फर्जी एनओसी अनदेखने का आरोप। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
भोपाल के कोलार इलाके में 5.68 एकड़ जमीन पर 110 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोपियों ने 17 करोड़ की कीमत वाली जमीन को फर्जी एनओसी (Fake NOC) के जरिए पुणे की तीन कंपनियों से 110 करोड़ रुपए का लोन लिया। इस लोन को चुकाए बिना ही संपत्ति बेचने की कोशिश की गई।
फरियादी रामकुमार सिंह, जो एक बिल्डर हैं, ने अपनी एक एकड़ जमीन का सौदा 2011 में सृष्टि ट्रेड कॉम प्राइवेट लिमिटेड (Shrishti Trade Com Pvt. Ltd.) के साथ किया था। समझौते के अनुसार, निर्माण कार्य के बाद फर्म को भुगतान कर जमीन की रजिस्ट्री करानी थी। लेकिन भुगतान के लिए दिए गए चेक बाउंस हो गए। जब रामकुमार ने मामले की जांच की, तो पता चला कि सृष्टि ट्रेड कॉम ने उनकी जमीन सहित कुल 5.68 एकड़ जमीन तीन अलग-अलग संस्थानों के पास गिरवी रखकर 110 करोड़ रुपए का लोन लिया।
फरियादी ने एफआईआर में दावा किया कि आरोपियों ने बैंक मॉर्गेज लोन के भुगतान की फर्जी एनओसी तैयार की और इसे कोलार तहसील कार्यालय में जमा किया। तहसील कार्यालय ने इस एनओसी का सत्यापन नहीं किया और इसे स्वीकार कर लिया। फरियादी का आरोप है कि तत्कालीन तहसीलदार ने इस फर्जीवाड़े को अनदेखा किया।
फर्जीवाड़ा कैसे उजागर हुआ?
जमीन का नामांत्रण रोकने की आपत्ति
रामकुमार सिंह ने जमीन के नामांत्रण पर आपत्ति जताई और बताया कि एक एकड़ जमीन उनकी है।
कंपनियों की सर्च रिपोर्ट
जांच में पाया गया कि जिन संस्थानों से लोन लिया गया, वे पते पर मौजूद नहीं थीं।
फर्जी एनओसी का सत्यापन
तहसील कार्यालय में जमा एनओसी को फर्जी पाया गया।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने सृष्टि ट्रेड कॉम के डायरेक्टर राजेश जैन और राधिका जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का भी आरोप है।