केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसानों को उनकी उपज की खरीद के बाद जल्द से जल्द भुगतान मिले। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि व्यवस्था को और सुदृढ़ करना चाहिए ताकि किसानों को अपनी मेहनत का सही समय पर भुगतान हो सके।
चावल-गेहूं का स्टॉक बफर मानक से अधिक
शिवराज ने कहा कि देश में चावल और गेहूं का वास्तविक स्टॉक बफर मानक से कहीं ज्यादा है। इससे पता चलता है कि कृषि क्षेत्र में प्रगति हो रही है। चावल का वास्तविक स्टॉक 135.80 एल.एम.टी. के बफर मानक के मुकाबले 389.05 एल.एम.टी है। वहीं, गेहूं का स्टॉक 74.60 एल.एम.टी. के बफर मानक के मुकाबले 177.08 एल.एम.टी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत का खाद्यान्न सुरक्षा बफर मजबूत है।
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गेहूं की कटाई की स्थिति पर जताया संतोष
केंद्रीय मंत्री ने गेहूं की कटाई की स्थिति पर भी संतोष व्यक्त किया। प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, और हरियाणा में गेहूं की कटाई 90% से अधिक हो चुकी है। इन राज्यों में अच्छी फसल की उम्मीद जताई जा रही है।
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प्रमुख फसलों की बुआई में बढ़ोतरी
शिवराज ने बैठक में बताया गया कि धान, दलहन, तिलहन जैसी फसलों की बुआई में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है। 2024-25 के मौसम में धान की बुआई में 3.44 लाख हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा, दलहन और मूंग की बुआई में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
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प्याज, आलू और टमाटर की समय पर बुआई
अधिकारियों ने शिवराज सिंह चौहान को रबी मौसम के लिए प्याज, आलू और टमाटर की बुआई की स्थिति की जानकारी दी। प्याज की बुआई में 2024-25 के मौसम में 2.82 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जबकि आलू की बुआई में भी 0.47 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन फसलों की बुआई समय पर हो रही है और अच्छी कीमत मिलने की संभावना है।
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किसानों को नहीं होगी पानी की समस्या
बैठक में यह भी बताया गया कि मौसम और जलाशयों की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है। देश के 161 जलाशयों में पानी का संग्रहण पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 117% अधिक है। इससे यह स्पष्ट है कि आगामी कृषि मौसम में पानी की कोई कमी नहीं होगी और किसानों को पानी की आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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