नीमच में टेक्सटाइल फैक्ट्री के विरोध में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, किया विरोध प्रदर्शन

नीमच में किसानों ने टेक्सटाइल फैक्ट्री के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली। पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को बायपास पर रोक दिया। इस पर किसान और पुलिस के बीच झड़प हुई। इससे गुस्साए किसानों ने जिला मुख्यालय की ओर कूच किया।

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Sandeep Kumar
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Neemuch. नीमच के मोरवन कस्बे में किसानों ने निर्माणाधीन टेक्सटाइल फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। सोमवार को निकाली गई उनकी ट्रैक्टर रैली को पुलिस और प्रशासन ने बायपास पर रोक लिया। इससे किसानों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया। इसके बाद गुस्साए किसान जिला मुख्यालय की ओर कूच करने के लिए आगे बढ़े। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद किसान धरने पर बैठ गए। इससे हाईवे पर चार किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

किसानों ने सौंपा ज्ञापन

किसान कलेक्टर को ज्ञापन देने पर अड़े थे। प्रशासन ने उन्हें ट्रैक्टर छोड़कर पैदल जाने की अनुमति दी। किसान पैदल कलेक्ट्रेट पहुंचे और एडीएम बीएल कलेश को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि मोरवन बांध सैकड़ों गांवों को पानी देता है। बांध का आधा पानी फैक्ट्री को दिए जाने से जल संकट होगा। फैक्ट्री से वायु प्रदूषण भी होगा, जिसे किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से भ्रमित न होने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि फैक्ट्री से कोई प्रदूषण नहीं होगा। इसके अलावा, जल संकट भी नहीं गहराएगा।

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क्या बोले किसान ?

किसानों का कहना है कि फैक्ट्री उनके जीवन-यापन को प्रभावित करेगी। उनका आरोप है कि फैक्ट्री उस जमीन पर बन रही है, जो वे पीढ़ियों से खेती, चराई और खेल के लिए इस्तेमाल करते आए हैं। 

किसानों का आरोप है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देने जा रहे थे। प्रशासन ने हमें अलग-अलग जगह पर रोका। हमारी मंशा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की थी। इसके बाद हम शांतिपूर्ण तरीके से घर लौट जाते।

प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों की चिंता पानी की कमी और बंजर भूमि को लेकर है। किसान नेता राजकुमार अहीर ने चेतावनी दी कि फैक्ट्री से पानी का गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।

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जाम में फसी एंबुलेंस को मिला रास्ता

महू नसीराबाद हाईवे पर जाम के दौरान एंबुलेंस फंस गई। किसानों ने तुरंत एंबुलेंस के लिए रास्ता बनाया। एंबुलेंस मंदसौर से चित्तौड़गढ़ जा रही थी। जाम दोनों ओर 4 किलोमीटर तक फैला था। इसमें करीब 1000 वाहन फंसे थे। हालांकि, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की 2 घंटे की बातचीत के बाद जाम खुल पाया।

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