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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL.मध्यप्रदेश के कई जिलों में रबी सीजन से पहले खाद की भारी किल्लत ने किसानों को सड़कों पर उतार दिया है। कहीं वितरण केंद्रों पर अफरा-तफरी और बेहोशी की घटनाएँ सामने आ रही हैं, तो कहीं कालाबाजारी और अव्यवस्था ने स्थिति को गंभीर बना दिया है।
रबी सीजन में बढ़ी डीएपी खाद की मांग
बीते सप्ताह गिरे मावठा के बाद प्रदेश में रबी फसल की बुवाई की तैयारी तेज हो गई है। बुवाई में अनाज बीज के साथ खाद मिलाया जाता है। इसे देखते हुए प्रदेश में डीएपी खाद की मांग सर्वाधिक बनी हुई है।
अनेक जिलों में मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने से इसकी किल्लत है। इसके चलते खा विक्रय केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही है। कुछ जगह खाद आवंटन संतोषजनक नहीं होने से हालात बिगड़े हैं।
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बेहोश हुए किसान, गुस्साई भीड़ ने की तोड़फोड़
अशोकनगर की पुरानी कृषि उपज मंडी में सोमवार को खाद के टोकन वितरण के दौरान हंगामा हो गया। लंबी लाइन में खड़े एक किसान के बेहोश होकर गिरने से माहौल बिगड़ गया। गुस्साए किसानों ने कार्यालय में तोड़फोड़ कर दी, गेट और खिड़कियों पर पत्थर बरसाए।
सूत्रों के अनुसार,हंगामे के दौरान एक और किसान बेहोश हुआ, जिसे अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और समझाइश के बाद स्थिति काबू में की। बाद में दो गेट से टोकन वितरण पुनः शुरू किया गया।
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टीकमगढ़ में किसानों ने किया हाईवे जाम
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टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव धसान में किसानों ने रबी फसल के लिए खाद संकट को लेकर टीकमगढ़-सागर हाईवे पर करीब तीन घंटे तक चक्काजाम किया। किसानों ने आरोप लगाया कि समय पर खाद न मिलने से बुआई पर असर पड़ रहा है। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने स्थिति सुधारने के लिए तत्काल टोकन वितरण बढ़ाने और बिना टोकन यूरिया-सुपर फास्फेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
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निवाड़ी: रातभर लाइन में लगे, लौटे खाली हाथ
निवाड़ी जिले में रेलवे स्टेशन के खाद गोदाम पर सोमवार को सुबह से ही सैकड़ों किसान लाइन में लगे रहे। कई किसान तीन दिन से लगातार खाद पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं।
बताया जाता है कि जिले में खाद की आपूर्ति बेहद सीमित है। प्रशासन के आश्वासन के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही। बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खाद विक्रय केंद्रों पर एहितयातन पुलिस बल तैनात किया गया है।
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दमोह में डीएपी की कालाबाजारी
दमोह जिले के पथरिया में खाद की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन को की गई शिकायत में कहा गया कि डीएपी खाद की सरकारी दर 1348 रुपए है,जबकि निजी केंद्रों से इसे दो हजार रुपए प्रति बोरी बेचा जा रहा है।
किसानों का आरोप है कि संबंधित दुकानदार खाद महंगे दाम पर देने के साथ ही कीटनाशक खरीदने का दबाव भी बना रहे हैं। इधर,राजधानी से सटे सीहोर जिला मुख्यालय में भी खाद विक्रय केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
झाबुआ में खाद की बोरियों के बीच दबा मजदूर, मौत
झाबुआ जिले के मेघनगर स्थित एग्रोपोष इंडिया लिमिटेड खाद फैक्ट्री में रविवार रात खाद की बोरियों के नीचे दबने से एक मजदूर की मौत हो गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार,मृतक का नाम सुनील बारदेव है। वह रतलाम का निवासी था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पर्याप्त खाद उपलब्ध, समस्या वितरण की
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इस संबंध में कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में यूरिया, डीएपी व एनपीके खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। समस्या कुछ जिलों में सिर्फ वितरण की है। इससे किसानों में आक्रोश पनपता है।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, खाद की मांग व आपूर्ति की स्थिति इस प्रकार है...
| खाद | अक्टूबर 24 (बिका) | अक्टूबर 25 (बिका) | वर्तमान उपलब्धता |
|---|---|---|---|
| यूरिया | 4.21 | 5.23 | 3.45 |
| DAP+NPK | 3.46 | 4.24 | 3.90 |
(आंकड़े लाख मीट्रिक टन में)
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