भावांतर का भंवर: बदल गए कृषि मंत्री के सुर, अब मंडी बोर्ड से कर्ज का इंतजाम कराने हुए राजी

मध्‍य प्रदेश में किसानों के लिए राहत की खबर। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंसाना का यू-टर्न। अब भावांतर योजना के लिए मंडी बोर्ड से मिलेगा 1500 करोड़ का कर्ज।

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Ravi Awasthi
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Photograph: (The Sootr)

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BHOPAL. भावांतर योजना के लिए मंडी बोर्ड से 15 सौ करोड़ रुपए का कर्ज देने के मामले में प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना के सुर 24 घंटे में ही बदल गए। उन्होंने शुक्रवार, 24 अक्टूबर को कहा कि मंडी बोर्ड यह रकम देने राजी है। जबकि इससे पहले उन्होंने सरकार के कर्ज  प्रस्ताव को दो टूक अंदाज में खारिज कर दिया था। 

बदले सुर, कंसाना बोले- नहीं आएगा मंडी पर भार

कंसाना ने आज एक बयान में कहा कि सोयाबीन खरीदी के लिए लागू भावांतर योजना के लिए मंडी बोर्ड अस्थाई ऋण की व्यवस्था करेगा। कर्ज की वापसी भारत सरकार से रकम मिलने पर राज्य सरकार को तय अवधि में वापस करनी होगी। कंसाना ने कहा कि इस योजना से मंडी बोर्ड पर कोई अतिरिक्त व्यय-भार नहीं आएगा। 
 

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कर्ज लेकर बजट जुटाएगा मंडी बोर्ड

सूत्रों के अनुसार,मंडी बोर्ड एवं राज्य की कृषि उपज मंडियों की माली हालत पहले ही खस्ता है। ऐसे में भावांतर योजना में बजट इंतजाम के लिए बोर्ड वित्तीय संस्थाओं से 15 सौ करोड़ रुपए का कर्ज लेकर सरकार को देगा। बताया जाता है कि इसके लिए जल्द ही बोर्ड निविदा जारी करेगा। यह कर्ज एक साल के लिए लिया जाएगा। यह रकम  नाबॉर्ड या हुडको से मिलने की उम्मीद है।  

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पहले किया दो टूक इंकार

बताया जाता है ​कि भावांतर योजना में किसानों को भुगतान करने कृषि विभाग ने मंडी बोर्ड के माध्यम से 15 सौ करोड़ रुपए जुटाने का प्रस्ताव रखा था,लेकिन विभागीय मंत्री ऐदल सिंह कंसाना ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बोर्ड की माली हालत पहले ही अच्छी नहीं है।

मंडी बोर्ड के माथे इतने बड़े कर्ज का इंतजाम किए जाने से बोर्ड की माली हालत और अधिक बिगड़ सकती है। कंसाना ने यह सलाह भी दी कि योजना के लिए रकम का इंतजाम शासन स्तर से किया जाए। जरूरत पड़ने पर मंडी शुल्क एक साल के लिए 1% बढ़ाकर लिया जा सकता है।

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खरीदी शुक्रवार से, अभी बजट व्यवस्था नहीं

राज्य की मंडियों में एमएसपी पर सोयाबीन की सरकारी खरीदी शुक्रवार से शुरू हो रही है। यह 15 जनवरी तक जारी रहेगी। प्रदेश में अब तक करीब साढ़े 9 लाख किसानों ने योजना के तहत पंजीयन करवाया है।

प्रदेश के सात जिले उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे हैं जहां 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। जबकि 21 जिलों से 10-10 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है।

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ई-उपार्जन पोर्टल और डीबीटी  से भुगतान

किसानों को ई-उपार्जन पोर्टल और डीबीटी के जरिए भावांतर राशि का भुगतान किया जाएगा। जिसकी सूचना उन्हें एसएमएस के जरिए मिलेगी,लेकिन कर्ज की व्यवस्था नहीं होने तक किसानों को भावांतर राशि भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। 

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