मध्य प्रदेश में फिर हुआ एफडी घोटाला, बैंक के पूर्व मैनेजर व चपरासी पर धोखाधड़ी का आरोप

मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था की 10 करोड़ रुपए की FD के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक पूर्व मैनेजर और उसके चपरासी पर धोखाधड़ी से पैसे हड़पने का आरोप है।

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Sourabh Bhatnagar
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 बड़ा फर्जीवाड़ा!
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मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। दरअसल, संस्था ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 5-5 करोड़ रुपए की 2 एफडी कराई थी। अब आरोप है कि बैंक के पूर्व मैनेजर ने अपने चपरासी के साथ मिलकर दोनों एफडी तुड़वा लीं और 10 करोड़ रुपए हड़प लिए। मामले का खुलासा होने पर भोपाल स्थित राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में पदस्थ सुखदेव प्रसाद अहिरवार ने कोतवाली पुलिस से इसकी शिकायत की है। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। इस फर्जीवाड़े में संस्था के कई अफसरों व कर्मचारियों के मिले होने की आशंका जताई जा रही है।

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इस तरह हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

पुलिस ने बताया कि संस्था ने शहर की इमामी गेट स्थित शाखा में 5-5 करोड़ रुपए की 2 एफडी करवाई थीं। पुलिस का कहना है कि संस्था के पदाधिकारी जब 1 साल बाद बैंक में एफडी तुड़वाने पहुंचे, तब उन्हें मामले की जानकारी हुई। संस्था के पदाधिकारी को पता चला की एफडी तो पहले ही तुड़वाई जा चुकी है। बाद में सुखदेव प्रसाद अहिरवार की शिकायत पर पुलिस ने बैंक के पूर्व मैनेजर नोयल सिंह और चपरासी बृजेंद्रदास नामदेव पर केस दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की। पुलिस के अनुसार, एफडी की राशि बैंक के चपरासी बृजेंद्रदास के खाते में ट्रांसफर हुई थी। 

पुलिस ने यह भी बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि एफडी की रकम यस बैंक के खाते में डाली गई है। अब वहां से रकम कहां ट्रांसफर हुई है, इसकी फिलहाल जांच की जा रही है। पुलिस ने संस्था से एफडी से संबंधित पूरा रिकॉर्ड मांगा है। आपको बता दें कि पूर्व बैंक मैनेजर नोयल सिंह अब किसी दूसरी शाखा में पदस्थ हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

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राज्य सरकार ने क्या कहा

मामले के सामने आने के बाद राज्य सरकार और बैंक प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों पर विचार किया जा रहा है। साथ ही बैंकिंग सेक्टर में इस तरह की घटना बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और आंतरिक नियंत्रणों पर गंभीर सवाल उठा रही है।

आपको बता दें कि मामले की जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपियों ने इस रकम को हड़पने के लिए एक बड़ी योजना बनाई थी। फिलहाल बैंक के पूर्व मैनेजर नोयल सिंह और चपरासी ब्रजेंद्र दास नामदेव फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।

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