MP News : बालाघाट जिले के एक छोटे से गांव में रह रहे 85 वर्षीय वांग ची, जो पिछले 50 वर्षों से मध्य प्रदेश में निवास कर रहे हैं, को भारत छोड़ने का आदेश मिल सकता है। वांग ची, जो एक पूर्व चीनी सैनिक हैं, उन्हें भारतीय वीजा की अवधि समाप्त होने पर देश छोडऩे के लिए कहा गया है।
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यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि वांग ची का भारत में एक लंबा इतिहास है, जो 1963 में अरुणाचल प्रदेश से गिरफ्तार होकर भारतीय जेल में आठ साल तक बंद रहने के बाद भारत में बस गए थे।
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वांग ची का भारत में प्रवेश और जीवन
1963 में वांग ची को भारतीय सुरक्षा बलों ने अरुणाचल प्रदेश में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। आठ साल की सजा पूरी करने के बाद, वांग ने भारतीय नागरिकता प्राप्त की और "राज बहादुर" नाम अपनाया। इसके बाद उन्होंने बालाघाट जिले के एक छोटे गांव में बसने का निर्णय लिया और यहां एक स्थानीय महिला से विवाह कर लिया।
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इस शादी से उनका एक परिवार भी बना और वे गांव में एक आम नागरिक की तरह जीवन यापन करने लगे। वांग ची की इस लंबी अवधि के दौरान भारत में उनकी एक अलग पहचान बन गई थी, लेकिन अब उनके वीज़ा की अवधि समाप्त हो रही है और उन्हें देश छोडऩे का आदेश दिया जा सकता है।
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वीज़ा समाप्ति और भारतीय अधिकारियों की कार्रवाई
भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, वांग ची का वीजा अब समाप्त हो चुका है और उन्हें भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। हालांकि, वांग ची के लिए यह एक कठिन स्थिति है क्योंकि वे यहां पिछले 50 वर्षों से रह रहे हैं और उनकी पूरी जिंदगी अब भारत में बसी हुई है। वांग की पत्नी और बच्चों का भारत में ही निवास है, जिससे उनके लिए यह निर्णय और भी कठिन हो गया है।
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