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पत्र में दिग्विजय सिंह ने यह लिखा
सिंह ने कहा कि एकलव्य गौड़, जो बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ एवं पूर्व मंत्री स्व. लक्ष्मण सिंह गौड़ का पुत्र है। उन्होंने शीतलामाता बाजार के व्यापारियों की बैठक में खुलेआम मुस्लिम कर्मचारियों को दुकानों से हटाने का फरमान जारी किया। उसके आदेश पर अब तक 200 से अधिक मुस्लिम कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं। यह संविधान और कानून दोनों का खुला उल्लंघन है।
उन्होंने आगे कहा कि मप्र पुलिस बीजेपी नेताओं के दबाव में पूरी तरह पंगु हो गई है और पीड़ितों द्वारा बार-बार दिए गए ज्ञापनों पर अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। इंदौर पुलिस की यह बेबसी बताती है कि कानून पर बीजेपी का कब्जा हो चुका है और प्रशासन केवल सत्ताधारी दल की कठपुतली बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि जब वे शीतलामाता बाजार में पीड़ितों से मिलने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया। यह प्रदेश में लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन और अल्पसंख्यक समाज की आवाज दबाने का घृणित प्रयास है।
भाजपा विधायक पुत्र एकलव्य गौड़ ने इंदौर में फैलाया साम्प्रदायिक जहर पुलिस भाजपा के दबाव में मौन।
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) October 5, 2025
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इन धाराओं में कार्रवाई की मांग, नहीं तो कोर्ट जाएंगे
पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम मोहन यादव से तत्काल संज्ञान लेकर भारतीय दंड संहिता की धारा 152, 196, 197, 293, 299 सहित अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने तथा दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार पीड़ितों को न्याय नहीं दिलाती तो वे स्वयं उनके साथ न्यायालय की शरण लेंगे।
पुलिस पर यह लगाए आरोप
सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि - हालत यह है कि आपके गृहमंत्री होने और प्रभार वाले इंदौर जिले में भी देशभक्ति जन सेवा का नारा लगाने वाली पुलिस बेबस और लाचार है। एडिशनल डीसीपी दिनेश अग्रवाल ने उन्हें बताया था कि ज्ञापन जांच में हैं और 15 दिन में 6 अक्टूबर तक जांच कर केस करने पर फैसला लेंगे। यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो पीड़ितों को लेकर कोर्ट जाएंगे।
सीतलामाता बाजार के विवाद की कहानी
विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने बाजार में बैठक कर सभी को हिदायत दी कि वह मुस्लिम कारीगरों, कर्मचारियों को बाहर करें, यह लव जिहादी हैं। इसके लिए 25 सितंबर तय तारीख थी। इसके बाद कई कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया और किराएदारी से भी बाहर किया गया। इन्होंने राजवाड़ा पर प्रदर्शन भी किया।
इसके बाद दिग्विजय सिंह ने विरोध के लिए वहां जाने का कार्यक्रम बनाया, लेकिन पुलिस ने रोक दिया और बाद में सराफा थाने में आवेदन दिया और विधायक पुत्र पर केस की मांग की। लेकिन इस दौरान कांग्रेस के नेताओं ने ही दिग्गी से दूरी बना ली। वहीं एक दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के साथ प्रतिनिधिमंडल ने संभागायुक्त से मुलाकात की और विधायक पुत्र पर केस की मांग की। उधर पुलिस का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है और ना ही हमारे पास कोई शिकायत आई है। वहीं सीतलामाता बाजार में हिंदू संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन कर दिग्विजय सिंह को मुल्ला/मौलाना कहते हुए पोस्टर जलाए गए, उनके खिलाफ नारेबाजी हुई, वहीं नाथूराम गोडसे जिंदाबाद के नारे भी लगे।