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मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने प्रदेश में 17 धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी का फैसला लिया है। यह फैसला नई आबकारी नीति के तहत 1 अप्रैल 2025 से लागू हो सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने सरकार के इस कदम की सराहना की है और इसे जनहितकारी और अभूतपूर्व निर्णय बताया है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उमा दीदी की तारीफ करते हुए कहा कि शराबबंदी के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। आपके आशीर्वाचन के लिए धन्यवाद।
उमा भारती ने की सरकार की तारीफ
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी के फैसले की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार का धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी अभूतपूर्व निर्णय है, इसके लिए सीएम मोहन यादव का अभिनंदन। दो साल पहले हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई शराब पर प्रतिबंध नीति बहुत ही जनहितकारी और व्यावहारिक थी। हम पूर्ण शराबबंदी की ओर ही बढ़ रहे थे। यह पूर्ण शराबबंदी की दिशा में एक और कदम है।
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सरकार का यह फैसला जनहितकारी
पूर्व सीएम ने उमा भारती ने सरकार के शराबबंदी के इस फैसले को जनहितकारी और व्यावहारिक बताया है। उन्होंने कहा कि यह कदम पूर्ण शराब बंदी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही उन्होंने सीएम मोहन यादव जी को इस फैसले के लिए बधाई दी।
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हमारी सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पूर्व सीएम उमा भारती के ट्वीट पर धन्यवाद देते हुए लिखा कि आदरणीय, दीदी प्रणाम, प्रदेश के धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी का निर्णय सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इससे न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान होगा, बल्कि समाज को भी सकारात्मक दिशा मिलेगी। आपके आशीर्वचन के लिए धन्यवाद।
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प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में होगी शराबबंदी
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उज्जैन समेत प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराब बंदी लागू करने की घोषणा की है। जल्द ही धार्मिक नगरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इस फैसले का उद्देश्य धार्मिक श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करना और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। इस फैसले के लागू होने से इन शहरों में शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
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