नमामि क्षिप्रा: सिंहस्थ 2028 से पहले प्रदूषण मुक्त होगी क्षिप्रा, स्पेशल पीआईयू गठित

सिंहस्थ 2028 के लिए क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने हेतु स्पेशल पीआईयू का गठन हुआ। यह सभी निर्माणाधीन और प्रस्तावित परियोजनाओं को समय पर पूरा करेगा।

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Sandeep Kumar
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सिंहस्थ 2028 के आयोजन को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग ने क्षिप्रा नदी को अविरल और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नमामि क्षिप्रे परियोजना प्रबंध इकाई (Namami Kshipra Project Management Unit) नामक विशेष पीआईयू (PIU - Project Implementation Unit) का गठन किया है।

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निर्माणाधीन और प्रस्तावित प्रोजेक्ट पर नज़र

इस विशेष पीआईयू का मुख्य उद्देश्य सभी निर्माणाधीन और प्रस्तावित परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करना है। इन प्रोजेक्ट्स को तीन साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

विशेषज्ञों की टीम का गठन

स्पेशल पीआईयू के लिए विशेषज्ञों की एक मजबूत टीम तैयार की गई है:
डायरेक्टर: पदेन चीफ इंजीनियर, उज्जैन डिवीजन
एडिशनल डायरेक्टर: पदेन सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (मॉनिटरिंग एंड लॉ), उज्जैन डिवीजन
5 एक्जीक्यूटिव इंजीनियर: जिसमें एक पर्यावरण विशेषज्ञ होगा
6 असिस्टेंट इंजीनियर और 9 सब इंजीनियर

उच्चस्तरीय समिति की भूमिका

एक साधिकार समिति का गठन भी किया गया है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। इस समिति में अन्य वरिष्ठ अधिकारी जैसे कृषि उत्पादन आयुक्त, वित्त विभाग के एससीएस, और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव विशेष सदस्य हैं।

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पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं की प्राथमिकता

इस पहल का उद्देश्य क्षिप्रा नदी की स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता को बनाए रखना है। इससे क्षेत्र के लोगों को स्वच्छ जल के साथ एक सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव मिलेगा।

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FAQ

सिंहस्थ 2028 के लिए पीआईयू क्यों गठित किया गया है?
सिंहस्थ 2028 से पहले क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए।
पीआईयू में किन अधिकारियों की नियुक्ति हुई है?
चीफ इंजीनियर, सुपरिटेंडिंग इंजीनियर, 5 एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, 6 असिस्टेंट इंजीनियर, और 9 सब इंजीनियर।
क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
निर्माणाधीन और प्रस्तावित परियोजनाओं को तीन साल में पूरा करना और विशेषज्ञ पर्यावरण टीम का गठन।
साधिकार समिति की अध्यक्षता कौन करेगा?
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यह समिति कार्य करेगी।
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य क्या है?
क्षिप्रा नदी की अविरल धारा बनाए रखना और सिंहस्थ 2028 के आयोजन के लिए स्वच्छता सुनिश्चित करना।

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