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मप्र सरकार एक ओर एक साल में एक लाख और चार साल में ढाई लाख पदों पर सरकारी नौकरी देने की बात कह रही है, और उधर उसकी नीतियां इसके विरूद्ध दिख रही है। मप्र सरकार ने अब एक बड़ा कदम उठाते हुए शिक्षकों की भर्ती में रिक्त पदों पर 25 फीसदी पद अतिथि शिक्षक रखने की नीति बदल दी है। अब रिक्त पदों में 25 की जगह 50 फीसदी पद अतिथि शिक्षकों को दिए जाएंगे। यानी साफ है कि अब स्थाई भर्ती के लिए पद और कम हो जाएंगे।
गजट नोटिफिकेशन में जारी किए नियम
मप्र शासन ने गजट नोटिफिशन जारी कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके तहत मप्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें व भर्ती नियम 2018 में संशोधन किया गया है। यह नियम एक जनवरी 2025 से लागू होंगे। यानी ईएसबी कैलेंडर के अनुसार साल 2025 की परीक्षा में यह नियम लागू होंगे और रिक्त पदों में से 50 फीसदी अतिथि शिक्षकों को जाएंगे।
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महिलाओं को पूर्व की तरह रिक्त पदों में 50 फीसदी पद दिए जाएंगे।
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भूतपूर्व सैनिकों को दस फीसदी पद दिए जाएंगे।
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जबकि कृषि विभाग में उच्च माध्यमिक शिक्षक के100% पद सीधे भर्ती से होंगे।
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यह माने जाएंगे अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षक के लिए जरूरी होगा कि जिन्होंने न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्र और न्यूनतम 200 दिन के लिए मप्र शासन द्वारा संचालित सरकारी स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में काम किया हो। न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्र तभी माने जाएंगे तब प्रत्येक सत्र में न्यूनतम 30 दिन अतिथि शिक्षक के रूप में काम किया हो। इसके साथ ही तीन सत्रों का कुल अध्यापन अनुभव न्यूनतम 200 दिन होगा। पूर्व में 3 सत्र और हर सत्र में 30 दिन पढ़ाने की बाध्यता नहीं थी, केवल 200 दिन का नियम था।
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शिक्षक वर्ग में इस तरह स्वीकृत पद बताए गए हैं
- प्राचार्य- 1 हजार 114 पद- यह पद सौ फीसदी पदोन्नति से भरे जाएंगे
- उच्च माध्यमिक शिक्षक- 48 हजार 223 पद- इसमें 50-50 सीधी भर्ती और पदोन्नति से
- प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला- 250 पद- सभी पदोन्नति से
- माध्यमिक शिक्षक- 99 हजार 157 पद- इसमें 50-50 सीधी भर्ती और पदोन्नति से
- माध्यमिक शिक्षक खेल – 931 पद- इसमें 50-50 सीधी भर्ती और पदोन्नति से
- प्राथमिक शिक्षक 1.31 लाख- सौ फीसदी पद सीधी भर्ती से
( इसमें सीधी भर्ती वाले पदों में 50 फीसदी अब अतिथि शिक्षकों से भरे जाएंगे, पहले 25 फीसदी अतिथि शिक्षकों से भरे जाते थे)
इधर पद बढ़ाने के लिए उज्जैन में अब प्रदर्शन
उधर, शिक्षक वर्ग एक के समस्त वेटिंग अभ्यर्थियों ने पद बढ़ाने की मांग के साथ फिर नए आंदोलन की घोषणा कर दी है। अब यह प्रदर्शन सीएम के गृह जिले उज्जैन में क्षिप्रा घाट पर होगा। यह आंदोलन तीन जनवरी से अनिश्चितकालीन होगा। इनका कहना है कि हम दो-दो परीक्षा में चयनित होने के बाद भी केवल इसलिए नियुक्त नहीं हो रहे हैं। क्योंकि रिक्त पद होने के बाद भी सरकार ने भर्ती के लिए इन पदों को जारी नहीं किया है। जबकि 20 हजार से ज्यादा पद वर्ग में रिक्त पड़े हुए हैं। यदि 20 फरवरी 2025 तक यह भर्ती नहीं की गई तो फिर इनकी परीक्षा का रिजल्ट जीरो हो जाएगा, क्योंकि नियमानुसार रिजल्ट आने के एक साल तक ही पात्रता व चयन परीक्षा का रिजल्ट मान्य होता है। हालांकि सरकार चाहे तो 6-6 माह कर इसे आगे बढ़ा सकती है।
MP सरकार का बड़ा कदम, अतिथि शिक्षकों के लिए 50% आरक्षण की घोषणा
50% वाला ही सेकंड डिवीजन
साथ ही जो 45-50 % का केस चल रहा है ,जिसमे कुछ यूनिवर्सिटी अपने मन से 50% को सेकंड डिवीजन और कुछ 45% को सेकंड डिवीजन मानती थी। उसे साफ करते हुए 50% को हो सेकंड डिवीजन माना जाएगा। कुछ दिन पहले इस पर कोर्ट ने 10 दिन का समय दे कर रिकॉर्ड लाने का आदेश डीपीआई को दिया था। इस राजपत्र में साफ कर दिया गया है कि जो NCTE के नियम है इस संबंध में वो ही मान्य होंगे।
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