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MP News । आदिम जाति कल्याण विभाग के पूर्व डिप्टी कमिश्नर जगदीश प्रसाद सरवटे पर करोड़ों रुपए की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप हैं। जबलपुर में EOW की कार्रवाई के दौरान रिसॉर्ट, होटल, फ्लैट, मंहगी शराब और लाखों की नकदी के साथ करीब 7.54 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा हो चुका है। लेकिन विभाग ने कार्रवाई करने के बजाय सरवटे को शासकीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र (PETC) में अपर संचालक पद पर पदस्थ कर दिया है।
सरवटे पर जबलपुर ट्राइबल डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर रहते हुए आयुर्वेदिक संपत्ति कमाने के आरोप लगे हैं। इसके बावजूद, ट्राइबल डिपार्टमेंट ने उन्हें एक महत्वपूर्ण विभाग का मुखिया बना दिया है।
मंडला से भोपाल तक फैली संपत्तियां
- EOW की तलाशी में खुलासा हुआ था कि सरवटे के नाम और उनके परिजनों के नाम पर मंडला के मोचा में शानदार रिसॉर्ट (10 कमरे, कीमत लगभग 18.25 लाख)
- सरकारी शराब दुकान वाला भवन (2100 वर्गफुट, कीमत 24 लाख रुपए)
- जायका रेस्टोरेंट और ढाबा (4.46 लाख की संपत्ति)
- होशंगाबाद के कोरलवुड अपार्टमेंट में फ्लैट (2.90 लाख की संपत्ति और 51 हजार की मंहगी शराब)
- बीमा कंपनियों में 28.76 लाख का निवेश
- इसके अलावा, शराब बरामदगी मामले में भोपाल के मिसरोद थाने में आबकारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
जयंती के शराब खरीदी का अजीब तर्क
'द सूत्र' से बातचीत में सरवटे ने माना कि विदेशी शराब की बोतलें उनके पास मिली थीं, लेकिन उन्होंने इसे “समाज विशेष की जयंती की तैयारी” से जोड़ा। उनका कहना था कि उनकी पत्नी एक संगठन की अध्यक्ष हैं और जयंती समारोह का जिम्मा उन्हें मिला था, जिसके लिए यह शराब मंगाई गई थी। जब उनसे पूछा गया कि किसी महापुरुष की जयंती में महंगी शराब की क्या जरूरत, तो वे ठोस जवाब नहीं दे सके।
300 करोड़ पर कटाक्ष
सरवटे ने खुद बताया कि EOW द्वारा 300 करोड़ की संपत्ति का अनुमान लगाया गया है। इस पर व्यंग्य करते हुए कहा सरवटे ने कहा कि "अगर यह सच निकल गया तो मेरी पुश्तें संवर जाएंगी।" हालांकि, पूरी बातचीत में उन्होंने एक भी बार अवैध संपत्ति से इनकार नहीं किया और यह कहते रहे की ईओडब्ल्यू को जो जानकारी मिली है वह सही ही होगी, लेकिन कान्हा के रिसॉर्ट और अन्य संपत्तियों को लेकर सीधे जवाब देने से बचते रहे। उनका कहना था कि क्योंकि वह खुद भी आदिवासी समाज से हैं इसलिए शराब दुकान वाला मकान उन्होंने एक आदिवासी व्यक्ति से रिटायरमेंट की तैयारी में खरीदी थी।
सरवटे को बनाया PETC का मुखिया
जबलपुर का शासकीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र जो ग्वारीघाट रोड पर स्थित है, वह सरवटे के पुराने आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय से मात्र कुछ किलोमीटर दूरी पर है। इस विभाग का अपर संचालक रहते हुए सरवटे का विभाग में दबदबा और पकड़ कायम रहेगी। जिसे देखते हुए ट्राइबल डिपार्टमेंट पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि सरवटे पर मेहरबानी जताते हुए विभाग ने उसे ऐसी पोस्टिंग दी है। जिससे जांच के दौरान ही विभाग में रहते हुए आगे सामने आने वाले और सबूत को खुर्दबुर्द करने और गवाहों पर दबाव बनाने की आशंका भी बनी हुई।
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