MP News : भोपाल के हनुमानगंज स्थित इंडियन बैंक की हमीदिया रोड शाखा में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो कारों का फाइनेंस कराने का मामला सामने आया है। जिन महिलाओं के नाम पर कार लोन स्वीकृत किया गया, उनकी दी गई सैलरी स्लिप, रेंट एग्रीमेंट और बैंक स्टेटमेंट जांच में पूरी तरह फर्जी पाए गए।
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मामला अगस्त 2024 का
शाखा प्रबंधक शरद कुमार की शिकायत पर पुलिस ने संगीता गोस्वामी और जितेमंद्र चराढ़ सहित अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी अमित भदौरिया ने बताया कि अगस्त 2024 में इन महिलाओं के नाम पर किआ सोनेट मॉडल की कार फाइनेंस कराई गई थी। जब बैंक कर्मियों ने दस्तावेजों के आधार पर बताए गए पते पर वेरिफिकेशन किया, तो पाया कि उस पते पर इस नाम की कोई महिला रहती ही नहीं है।
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बैंक ने तत्काल कार्रवाई की
इसके बाद जब दस्तावेजों की दोबारा जांच कराई गई, तो बैंक को बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। फाइल में लगी सारी जानकार सैलरी स्लिप, किराया अनुबंध और बैंक स्टेटमेंट फर्जी साबित हुईं। इस बैंक ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक कार को रिकवर कर लिया है, जबकि दूसरी कार का अब तक कुछ पता नहीं चला है। पुलिस अब संबंधित महिलाओं की तलाश में जुटी है और मामले में किसी संगठित गिरोह की भूमिका की जांच भी की जा रही है।
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महिलाओं को दिया गया लालच
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इस पूरे मामले के पीछे एक संगठित गिरोह सक्रिय हो सकता है। जिन महिलाओं के नाम पर कारों का फाइनेंस कराया गया, उन्हें एक-एक लाख रुपये का लालच दिया गया था। इसी लालच में महिलाओं ने अपने दस्तावेज सौंप दिए। इन दस्तावेजों के आधार पर फर्जी सैलरी स्लिप, किरायानामा और अन्य नकली कागजात तैयार कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।
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लोगों से एडवांस लेकर होता था गायब, चेक भी बाउंस
भोपाल के टीटी नगर पुलिस ने लंबे समय से फरार स्थायी वारंटी किशोर सोलंकी को सीहोर रोड से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ 9 स्थायी वारंट जारी थे और वह पहले भी पुलिस को कॉम्बिंग गश्त के दौरान चकमा देकर फरार हो चुका था। थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया के अनुसार, किशोर ठेकेदार के रूप में काम करता था और निर्माण कार्य के नाम पर लोगों से एडवांस लेकर फरार हो जाता था। कई बार लोगों ने उसे पकड़ा तो वह बचने के लिए चेक दे देता था, लेकिन वे सभी चेक बाउंस हो चुके हैं। लगातार धोखाधड़ी की घटनाओं के कारण उसके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हुईं। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह लगातार मोबाइल नंबर बदलता रहता था ताकि पुलिस उसे ट्रेस न कर सके।