Fraud : पत्नी की जगह नौकरी कर पति ने किया 55 लाख का फर्जीवाड़ा, दंपती पर केस दर्ज

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में बाणसागर परियोजना से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां क्योंटी नहर संभाग कार्यालय में कार्यरत एक दंपती पर लाखों रुपए की सरकारी धनराशि के गबन का आरोप है।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News : रीवा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पत्नी के नाम पर नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी पति कर रहा था। करीब तीन साल तक यह धोखाधड़ी चलती रही, जिसमें लगभग 55 लाख रुपए का गबन किया गया। विभागीय जांच के बाद पुलिस ने दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

घटना बाणसागर परियोजना के क्योंटी नहर संभाग की है, जहां दुर्गेश गुप्ता को निविदा के आधार पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में अनुबंध पर रखा गया था। लेकिन नियुक्ति के बाद से ही उनकी जगह उनका पति संतोष गुप्ता नौकरी कर रहा था। जांच में सामने आया कि आरोपी ने वर्ष 2019-20 में करीब 36.94 लाख और 2020-21 में 18.43 लाख रुपए का हेरफेर किया।

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सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी ने बताया कि घोटाले की शिकायत मिलने के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।जांच और कानूनी प्रक्रिया जैसे ही घोटाले का पर्दाफाश हुआ, प्रशासनिक हलकों में हडक़ंप मच गया।

दोनों की मिलीभगत

पुलिस ने पति-पत्नी दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह गड़बड़ी किसी एक व्यक्ति की करतूत नहीं थी, बल्कि यह एक योजनाबद्ध साजिश का हिस्सा थी, जिसमें दोनों की मिलीभगत थी। वित्तीय अनियमितताओं की बारीकी से जांच जारी है और संबंधित कानूनी प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और सरकारी खजाने से हुई हानि की भरपाई की जाएगी।

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दस्तावेजों की जांच के दौरान यह सामने आया कि जिन भुगतानों को महिला के नाम पर पास किया गया था, वे कार्य वास्तव में उसके पति द्वारा किए गए थे और बिल फर्जी तरीके से मंजूर कराए गए थे। इस सुनियोजित घोटाले के जरिए दोनों ने मिलकर लगभग 34 लाख की रकम का गबन किया।

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गबन का पर्दाफाश कैसे हुआ?

मिली जानकारी के अनुसार, बाणसागर परियोजना के अंतर्गत निर्माण और मरम्मत कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि जारी की गई थी। यह राशि बिना किसी ठोस जांच प्रक्रिया या पारदर्शिता के वितरित की जा रही थी। जांच में यह सामने आया कि परियोजना से जुड़ी एक महिला कर्मचारी और उसके पति ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे बिलों में हेरफेर की और सरकारी कोष से धन की चोरी की।

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अधिकारियों की प्रतिक्रिया क्या रही?

जनपद पंचायत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया— "यह मामला अत्यंत गंभीर है। इसमें न सिर्फ धोखाधड़ी हुई है, बल्कि सरकारी धन का भी दुरुपयोग किया गया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और उन्हें जल्द ही हिरासत में लिया जाएगा।"

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