INDORE. बैंक के साथ मिलकर करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाला आरोपी नवनीत गर्ग आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। महू पुलिस ने आज गुरुवार को सुबह इंदौर के नौलखा क्षेत्र में स्थित पुखराज कॉरपोरेट ऑफिस पर दबिश देकर नवनीत को गिरफ्तार किया, जब वह ऑफिस में आराम कर रहा था।
पहले खारिज हो चुकी है दो जमानत याचिका
गौरतलब है कि नवनीत गर्ग की तीसरी अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई आगामी शुक्रवार को इंदौर हाईकोर्ट में प्रस्तावित थी। इससे पहले 17 मई 2025 को हाईकोर्ट और 17 अप्रैल 2025 को महू के द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने उसकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
ये भी पढ़ें... इंदौर-देवास बायपास पर रोज घंटों जाम, इससे व्यक्ति की भी मौत, लेकिन NHAI के सभी अधिकारी सो रहे
फर्जी फर्मों के जरिए की धोखाधड़ी
फरियादी प्रवीण अग्रवाल दादू, निवासी नौलखा के अनुसार, नवनीत गर्ग ने अपने सहयोगियों दीपक मोटवानी और आशुतोष द्विवेदी के साथ मिलकर फर्जी फर्मों के माध्यम से करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया। इन कंपनियों का कोई वास्तविक व्यापार नहीं था, बल्कि केवल कागजों पर नकली लेन-देन दिखाकर बैंकों से करोड़ों रुपये निकाले गए और संदिग्ध ट्रांजैक्शनों को अंजाम दिया गया।
बड़गोंदा थाना में दर्ज हुई थी FIR
यह मामला थाना बड़गोंदा में FIR क्रमांक 153/2023 के तहत दर्ज हुआ था, जिसमें बाद में IPC की धाराएं 406, 420, 465, 467, 468, 471 और 120-बी जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गईं। अब जबकि गिरफ्तारी हो चुकी है, पूरे घोटाले की परतें खुलने की उम्मीद है। पुलिस की प्राथमिकता अब नवनीत गर्ग से पूछताछ कर बैंकों से निकाली गई धनराशि की जब्ती, अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और मुख्य दस्तावेजों की बरामदगी होगी।
ये भी पढ़ें... इंदौर के डेली कॉलेज की अनोखी पहल, बच्चों के लिए आई टॉय ट्रेन, क्लास में अब रोबोट टीचर
पहले से दर्ज हैं 5 केस
बता दें कि नवनीत गर्ग कोई नया अपराधी नहीं है। उस पर धोखाधड़ी, मारपीट और ड्रग्स से जुड़े कुल 5 केस दर्ज हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह एक आदतन अपराधी है।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧
MP News | MP | मध्यप्रदेश | जमानत याचिका खारिज | अग्रिम जमानत याचिका खारिज | बैंक धोखाधड़ी