मध्य प्रदेश को एक और नई सौगात मिलने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 20 हजार करोड़ से अधिक की लागत से सड़क बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। राजधानी भोपाल में आयोजित एक सेमिनार में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की थी, जिसके लिए प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं।
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प्रदेश की सड़कों का होगा विस्तार
एमपी की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सेमिनार में घोषणा की थी। इसके चलते प्रदेश को 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सड़क निर्माण योजनाओं की स्वीकृति मिल गई है। अब जल्द ही इन परियोजनाओं को शरू किया जाएगा। बताया गया कि 27 परियोजनाओं में लगभग 20 हजार 403 करोड़ की लागत से प्रदेश के मार्गों और सड़कों का विस्तार होगा।
प्रदेश में बढ़ेगी विकास की रफ्तार
छिन्दवाड़ा जिले के प्रभारी और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रदेश के सीएम मोहन यादव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए यह सौगात एक बड़ी उपलब्धि है। इससे प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा और गति मिलेगी। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य शुरू होंगे, जिससे आवागमन में सुधार के अलावा आर्थिक और सामाजिक प्रगति के नए आयाम भी स्थापित होंगे। इन परियोजनाओं से राज्य में विकास की गति बढ़ेगी और प्रदेश के नागरिकों के लिए आवागमन पहले से अधिक सुगम और सुरक्षित होगा।
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एनएचएआई के तहत प्रस्तावित परियोजनाएं
- बैतूल-खंडवा सेक्शन (एनएच-347बी): बेतूल से मोहदा (90 कि.मी.) और मोहदा से बाराकुंड तक 2-लेन प्लस पावर्ड सेक्शन का निर्माण किया जाएगा। इसकी लागत करीब 1,200 करोड़ रुपए है।
- देशगांव-खरगोन सेक्शन (एनएच-347बी): 65 कि.मी. लंबी इस सड़क को 4 लेन में परिवर्तित करने के लिए 17 सौ करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
- खरगोन-बड़वानी सेक्शन (एनएच-347बी): 35 कि.मी. लंबी इस परियोजना में 1 हजार करोड़ रुपए का व्यय होगा।
- बरेठा घाट (एनएच-46): इटारसी-बैतूल के टाइगर कॉरिडोर के इस 20 कि.मी. लंबे मार्ग को अब 4-लेन में बदला जाएगा। इसके लिए 550 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- सलकनपुर-नसरुल्लागंज-बुदनी-बाड़ी स्ट्रेच: 41 कि.मी. लंबी इस परियोजना की लागत 650 करोड़ रुपए बताई गई है।
- झाबुआ-रायपुरिया-पेटलावद सेक्शन: 50 कि.मी. लंबी परियोजना के लिए 650 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- बेतूल-खंडवा पैकेज-4 (एनएच-347बी): 33 कि.मी. लंबी इस परियोजना में 381 करोड़ व्यय करने की योजना है।
- सागर-कानपुर (पैकेज-3): सागर-कानपुर के सतिया घाट से अंगोर तक 55 कि.मी. लंबी यह परियोजना 1 हजार 6 करोड़ रुपए में तैयार की जाएगी।
- सागर-कानपुर (पैकेज-4): अंगोर गांव से एमपी/यूपी सीमा तक के 44 कि.मी. लंबे हिस्से की लागत 996 करोड़ रुपए है।
- ग्वालियर सिटी बाइपास: पश्चिमी क्षेत्र में 29 कि.मी. लंबे इस बाइपास पर 1005 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- ओरछा-झांसी ग्रीनफील्ड हाईवे लिंक: NH-26 को एनएच-76 से जोड़ने वाली इस मार्ग की लंबाई 14 कि.मी. होगी और इसकी लागत 491 करोड़ रुपए है।
- सागर बायपास (सागर लिंक रोड-02): 26 कि.मी. लंबे बाइपास की लागत 756 करोड़ रुपए आंकी गई है।
- जबलपुर-दमोह (पैकेज-1 और 3): 80 कि.मी. लंबी इस परियोजना पर 1 हजार 773 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- रीवा-सीधी सेक्शन (एनएच-39): 30 किमी लंबे इस सेक्शन पर 15 सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- एनएचएआई के तहत कुल 612 कि.मी. लंबी इस परियोजनाओं का अनुमानित बजट 13 हजार 658 करोड़ रुपए है।
यह भी हैं प्रस्तावित परियोजनाएं
- मंडला बाइपास से नैनपुर बाइपास (एनएच-543): 46 कि.मी. लंबी इस परियोजना की लागत 6 सौ 42 करोड़ रुपए बताई गई है।
- सेंधवा-खेतिया (एनएच-752जी): 57 किमी लंबे हिस्से के लिए 725 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- टिकमगढ़-ओरछा (एनएच-539): 75 कि.मी. की यह परियोजना 926 करोड़ रुपए में बनेगी।
- शाहगढ़-टीकमगढ़ (NH-539): 80.1 कि.मी. लंबी सड़क की लागत 951 करोड़ रुपए बताई गई है।
- अंजड़-बड़वानी (एनएच-347बी): 20.25 कि.मी. लंबी इस परियोजना पर 250 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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