मध्य प्रदेश के आष्टा में ग्रामीण गेल इंडिया ( GAIL India ) के लगने वाले प्लांट का विरोध कर रहे हैं। बुधवार यानी 29 मई को ग्रामीणों ने एसडीएम को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) सीहोर के आष्टा में 800 हेक्टेयर की जमीन पर पेट्रोकेमिकल प्लांट बनाना चाहती है। इसमें से 450 हेक्टेयर जमीन सरकारी है जबकि 350 हेक्टेयर निजी। निजी जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है जिसका विरोध किया जा रहा है।
ग्रामीणों का सड़क पर विरोध प्रदर्शन
आष्टा में गेल प्लांट बनने से रोजगार की तलाश कर रहे लोगों में खुशी है। दूसरी तरफ प्लांट लगाने में जिन लोगों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा उनमें नाराजगी है। इसके विरोध में बुधवार को कई ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर भी इसका विरोध हो रहा है। गांव वाले सड़क पर उतरकर प्रोजेक्ट रोकने की मांग कर रहे हैं।
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50 हजार करोड़ का निवेश, मिलेंगे 20 हजार रोजगार
सीहोर के आष्टा में 50 हजार करोड़ का निवेश कर गेल पैट्रोल केमिकल प्लांट बनाने जा रही है। गेल पेट्रोकेमिकल प्लांट का कामकाज शुरू होने का लाभ आष्टा सहित आस-पास के गांवों को भी मिलगे। इससे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 15 से 20 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि कई ग्रामीण गेल प्लांट का विरोध कर रहे हैं।
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गेल क्या है ?
गेल (इंडिया) लिमिटेड भारत में गैस उत्खनन करने वाली शीर्ष तकनीकी संस्था है। गेल की स्थापना1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। गेल द्वारा भारत के साथ साथ विदेशों में भी कई परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। कंपनी द्वारा संचालित व्यवसाय में ट्रांसमिशन और गैस वितरण शामिल है। यह प्राकृतिक गैस, तरल हाइड्रोकार्बन और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस से संबंधित है।
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