दीपावली पर्व से लेकर ग्यारस तक के दौरान जुए की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर, पुलिस अधीक्षक जबलपुर कार्यालय से समस्त थाना प्रभारियों के लिए एक आदेश जारी किया है जिससे जुआरियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। इस आदेश के अनुसार, पुलिस रेड कार्यवाही के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। दरअसल जुए पर होने वाली रेट में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसमें जुआरियों के तालाब में गिरने से लेकर दूसरी मंजिल से छलांग तक लगाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
आदेश में बताया गया है कि दीपावली के इस विशेष अवसर पर जुए की रेड से पहले संबंधित थाना प्रभारी और राजपत्रित अधिकारी को सूचित करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित किया गया है कि रेड स्थान के आसपास कोई नदी, तालाब, कुआं, नहर या जलाशय हो तो उस स्थान पर रेड न की जाए। पुलिस को अपनी उपस्थिति का एहसास कराना होगा, ताकि जुआरी खुद ही वहां से भाग जाएं।
ऊंचाई पर स्थित भवनों पर कार्यवाही न करने का निर्देश
पुलिस के इस आदेश में यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि जुआ किसी बहुमंजिला भवन की पहली, दूसरी या तीसरी मंजिल पर हो रहा हो, तो भी पुलिस सीधे कार्रवाई न करे। ऐसे मामलों में पुलिस सिर्फ अपनी उपस्थिति का एहसास कराएगी। ताकि जुआरी खुद वहां से भाग जाएं। इस आदेश के सामने आने के बाद अब तो सारी ऐसी जगह पर ही बैठाएंगे जहां पर तालाब या नदी हो और दिलेरी के साथ दांव लगाए जाएंगे।
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आदेश की आलोचना और प्रतिक्रिया
पुलिस अधीक्षक के इस आदेश पर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ का मानना है कि आदेश की इन शर्तों के कारण जुआरी लाभ उठा सकते हैं और खुले में, विशेष रूप से नदी-तालाब जैसे स्थानों पर जुआ खेल सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, पुलिस का उद्देश्य है कि बिना अनावश्यक खतरे में पड़े, जुआ को रोका जाए।
जुए की समस्या से निपटने के इस तरीके पर जनता के बीच मतभेद है। कुछ लोगों का मानना है कि इससे अपराधियों का हौसला बढ़ सकता है और वे पुलिस के निर्देशों का फायदा उठा सकते हैं। आदेश के आने के बाद से तालाबों और नदी के आसपास बड़े पैमाने में जुए के फड़ बैठने की संभावना है।
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आदेश का उद्देश्य
पुलिस का कहना है कि इस आदेश का मुख्य उद्देश्य जुए को रोकने के साथ ही सुरक्षा बनाए रखना है, विशेषकर ऐसी जगहों पर जहां जल स्रोत मौजूद हो और ऊंचाई पर स्थित स्थान हों। सभी थानों में इस आदेश को स्पष्ट रूप से बताया गया है और सभी अधिकारी-कर्मचारियों को इसके पालन का निर्देश दिया गया है।
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