गेमिंग ऐप बना अपहरण का हथियार, नाबालिग को बहला फुसलाकर मुंबई ले गया युवक

फ्री फायर गेम के जरिये नाबालिग को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया युवक। लड़की किसी तरह आरोपी के चंगुल से निकलकर रेलवे पुलिस तक पहुंची जिसने उसे बचाया। पिता ने इसके पीछे संगठित गिरोह के काम करने की आशंका जताई है।

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Neel Tiwari
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Photograph: (The Sootr)

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JABALPUR. ऑनलाइन गेम अब बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। जबलपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक नाबालिग बच्ची को Free Fire गेम के जरिए फंसाकर मुंबई ले जाया गया। लड़की किसी तरह आरोपी के चंगुल से निकलकर रेलवे पुलिस तक पहुंची। इसके बाद उसे सुरक्षित जबलपुर वापस लाया गया। इस पूरे मामले में पीड़िता के पिता ने जबलपुर एसपी से आरोपी के खिलाफ कड़ी जांच करते हुए उसके पीछे सक्रिय संगठित गिरोह पर कार्रवाई की मांग की है।

गेम के बहाने हुई दोस्ती, फिर शुरू हुआ फंसाने का सिलसिला

पीड़िता के पिता द्वारा एसपी को दिए गए आवेदन के अनुसार, उनकी नाबालिग बेटी की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी तनवीन आलम से Free Fire Game के जरिए हुई थी। इस युवक ने गेम खेलने के दौरान ही चैट करते हुए पहले नाबालिग लड़की का विश्वास जीता।

फिर बहलाकर उसे ऑटो से दमोह नाका के पास स्थित स्कूल से जबलपुर रेलवे स्टेशन तक ले गया। इसके बाद वह लड़की को मुंबई ले गया। इसके पहले की नाबालिक के साथ कोई बड़ी घटना घटती उसे तनवीन के इरादों पर शक हुआ और उसने रेलवे पुलिस से संपर्क कर लिया।

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5 पॉइंट्स में समझें पूरी खबर...

नाबालिग को फंसाया: जबलपुर से एक नाबालिग लड़की को फ्री फायर गेम के जरिए आरोपी युवक तनवीन आलम ने फंसाकर मुंबई ले जाया। आरोपी ने गेम के दौरान लड़की से दोस्ती की और उसे बहलाकर स्टेशन तक ले गया।

मुंबई पहुंचकर नाबालिग ने पुलिस को सूचना दी: लड़की ने मुंबई पहुंचने के बाद साहस दिखाकर रेलवे पुलिस को पूरी घटना बताई। पुलिस ने आरोपी को गुमराह करने की कोशिशों को नकारते हुए उसे और नाबालिग को सुरक्षित जबलपुर भेज दिया।

आरोपी का फर्जी पहचान का तरीका: आरोपी युवक फर्जी नाम "पूजा" बनाकर लड़कियों से दोस्ती करता था और उन्हें अपनी बहन या दोस्त बनाकर अगवा कर लेता था। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि यह युवक मानव तस्करी में भी शामिल हो सकता है।

पुलिस की सक्रियता: मुंबई रेलवे और गोहलपुर पुलिस की सक्रियता के कारण लड़की की जान बचाई जा सकी और आरोपी की साजिश नाकाम हुई। गोहलपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की गई।

सतर्कता जरूरी: यह घटना ऑनलाइन गेमिंग के जरिए होने वाले अपराधों की बढ़ती घटनाओं को दर्शाती है। अभिभावकों को बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है।

मुंबई पहुंचकर खुद को बचाया, आरोपी ने पुलिस को भी किया गुमराह

मुंबई पहुंचने के बाद, किसी तरह साहस दिखाकर नाबालिग ने रेलवे पुलिस को पूरी बात बताई। पुलिस ने तत्काल उसे अपनी सुरक्षा में लिया। इस दौरान आरोपी ने पुलिस को यह कहकर भ्रमित करने की कोशिश की कि पीड़िता उसकी बहन है और उसे उसी के सुपुर्द कर दिया जाए। हालांकि, रेलवे पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए आरोपी की बातों को अनदेखा किया और आरोपी सहित नाबालिग को जबलपुर की गोहलपुर पुलिस को सौंप दिया।

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फर्जी पहचान से दोस्ती कर लड़कियों को बनाता है शिकार

पीड़िता के पिता ने जबलपुर एसपी से बेटी के अपहरण की शिकायत करते हुए बताया है कि आरोपी युवक "पूजा" नाम की फर्जी पहचान बनाकर ऑनलाइन भोली-भाली लड़कियों से संपर्क करता है और फिर उन्हें बहन या दोस्त बनाकर भरोसे में लेकर अगवा कर लेता है। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि यह युवक न सिर्फ लड़कियों को अगवा करता है, बल्कि उन्हें मानव तस्करी जैसे घिनौने कार्यों में धकेलने का भी संदेह है। उन्होंने आरोपी के मोबाइल की डिजिटल जांच कराने की मांग की है जिससे उसके पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।

मुंबई रेलवे और गोहलपुर पुलिस की सक्रियता से बची मासूम

इस पूरे मामले में गोहलपुर थाना पुलिस की भूमिका सराहनीय रही। समय रहते की गई त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ लड़की की जान बचाई बल्कि आरोपी की साजिश को भी नाकाम कर दिया। जबलपुर एसपी श्री संपत उपाध्याय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए गोहलपुर पुलिस की सक्रियता की सराहना की और बताया कि आगे की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला एक चेतावनी है कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म अब अपराधियों के लिए नया माध्यम बनते जा रहे हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर कड़ी निगरानी रखें, जिससे ऐसे हादसों से बचा जा सके।

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