मध्य प्रदेश के जबलपुर ( Jabalpur ) में भूत-प्रेत, वास्तु दोष और घर में कलह दूर करने के नाम पर लोगों को डराकर करोड़ों रुपए ऐंठने वाले एक ठग और गिरोह के सरगना अरुण दुबे को जबलपुर पुलिस NEEने गिरफ्तार कर लिया है। कैंट पुलिस ने अरुण दुबे को उस समय धर दबोचा जब वह अपनी पत्नी के साथ एक्टिवा से बलदेवबाग से गढ़ा फाटक की ओर जा रहा था। पुलिस ने उसकी मोबाइल लोकेशन ( Mobile Location) और मुखबिर की सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया है। अरुण दुबे का भाई और ठगी में सहयोगी वरुण दुबे फिलहाल फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
झाड़-फूंक और वास्तु दोष के नाम पर करते हैं ठगी
अरुण दुबे, उसका छोटा भाई वरुण दुबे और उनके साथी सचिन उपाध्याय ने मिलकर एक संगठित गिरोह बनाया, जो लोगों को भूत-प्रेत और वास्तु दोष का डर दिखाकर ठगी करता था। ये लोग पहले किसी के घर जाकर पूजा-पाठ करते और फिर घर में नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत या वास्तु दोष होने का दावा करते। परिवार को इस कदर डराया जाता था कि वे लोग अपने घर की शांति और सुरक्षा के लिए लाखों रुपए देने को तैयार हो जाते थे।
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एक दर्जन से अधिक मामले, करोड़ों की ठगी
कैंट थाना प्रभारी रजनीश मिश्रा ने बताया कि इस गिरोह के खिलाफ गोरा बाजार, कैंट और गोहलपुर थानों में कई मामले दर्ज हैं। सिकंदर कनौजिया नामक व्यक्ति ने 2 जुलाई 2023 को कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि अरुण दुबे, उसके भाई और सचिन उपाध्याय ने उनके घर में झाड़-फूंक और पूजा के नाम पर 14 लाख रुपए ठग लिए। जब घर की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तब सिकंदर को ठगी का शक हुआ। इसके बाद जब सिकंदर ने इन लोगों की प्रोफाइल और जानकारी जुटाई, तो पता चला कि इस गिरोह ने कई लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि अरुण दुबे और उसकी टीम ने सिर्फ आम लोगों को ही नहीं बल्कि शहर के कई प्रतिष्ठित व्यापारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और यहां तक कि पुलिस अधिकारियों को भी ठगा है। अरुण दुबे ने पुलिस पूछताछ में माना कि उन्होंने भूत-प्रेत और वास्तु दोष के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की है।
कई राज्यों में फैला है गिरोह का नेटवर्क
अरुण दुबे के गिरोह का नेटवर्क सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि यह गिरोह छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी सक्रिय था। इनके खिलाफ कई जिलों में धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हैं। इस गिरोह का पर्दाफाश 2021 में तिलहरी निवासी विजेंद्र की शिकायत के बाद हुआ था। विजेंद्र के परिवार से इस गिरोह ने एक करोड़ रुपए नगद और एक मकान बनवाने के लिए पैसे ठग लिए थे।
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पहले सीखी ज्योतिष विद्या फिर बन गया ठग
अरुण दुबे (42 वर्ष) सिर्फ 10वीं तक पढ़ा हुआ है, लेकिन उसने 17 साल पहले ज्योतिष विद्या सीखी थी। शुरुआत में वह लोगों को उनकी राशि के अनुसार रत्न बेचता था। इसके बाद उसने भूत-प्रेत और वास्तु दोष के नाम पर लोगों को ठगना शुरू कर दिया। उसकी बातों का असर इस कदर होता था कि बड़े-बड़े व्यापारी, डॉक्टर, इंजीनियर और पुलिस अधिकारी भी उसके झांसे में आ जाते थे। अरुण दुबे का छोटा भाई वरुण दुबे इस ठगी में उसका सहयोगी था, जो फिलहाल फरार है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी शुरू कर दी है।
पुलिस रिमांड में खुल सकते हैं और भी राज
कैंट पुलिस ने अरुण दुबे को गढ़ा फाटक के पास से गिरफ्तार किया और उसे आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। गोरा बाजार और गोहलपुर पुलिस ने भी अरुण दुबे के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच शुरू कर दी है और कोर्ट से पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की जा रही है। फिलहाल, पुलिस पूरे गिरोह की गतिविधियों और अन्य ठगी के मामलों की जांच कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि अरुण दुबे की गिरफ्तारी से इस ठगी के नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
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