इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के आईईटी परिसर में हुए गरबा आयोजन के दौरान दो गुटों के विवाद में पुलिस ने दोनों ही पक्षों के कहने पर क्रास एफआईआर कर ली है। इसमें ABVP से जुड़े छात्रों पर केस दर्ज होने के बाद अब टीआई राजकुमार यादव मुश्किल में आ गए हैं और ABVP ने उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसीपी को ज्ञापन दिया है और टीआई को हटाने की मांग की है।
ABVP ने यह लगाए टीआई पर आरोप
ABVP ने ज्ञापन देते हुए एसीपी से कहा कि गरबा आयोजन में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का विरोध किया गया, इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। हम केस दर्ज कराने भंवरकुआं थाने गए लेकिन टीआई राजकुमार यादव ने सभी को डरा कर सामान्य धारा में केस दर्ज किया। हमारे आग्रह पर भी छेड़छाड़ की घटना से सम्बंधित धाराओं में शिकायत दर्ज नहीं की और ना ही आयोजकों के नशे में होने का मेडिकल चेकअप कराया।
नशे के कारोबारियों को दे रहे हैं संरक्षण
यह भी ABVP ने आरोप लगाया कि टीआई यादव द्वारा लंबे समय से नशे के कारोबार करने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है। इसके चलते उनकी पदस्थापना के बाद से ही शैक्षणिक संस्थानों में जमकर नशे का धंधा चल रहा है। छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना बढ़ रही है और रोका नहीं जा रहा है। पूर्व में भी जब हमने पीएम श्री अटल बिहारी कॉलेज में आंदोलन किया था उस समय भी TI महोदय द्वारा हमारी छात्रा बहनों के साथ धक्का मुक्की एवं पीछे हटाने के नाम पर छेड़छाड़ की गई ,जिसके साक्ष्य भी हमारे पास उपलब्ध हैं। टीआई द्वारा यह कृत्य वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में बार-बार दोहराया जा रहा है।
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गरबा आयोजन में दो केस दर्ज हुए
आईईटी में हुए गरबा आयोजन विवाद में पहले ABVP के आवेदन पर थाने में धारा 115 (2), 296, 351(2),3(5) बीएनएस के तहत यूनिवर्सिटी होस्टल में रहने वाले दीपक दांगी, सुमित दांगी, मोहित मिश्रा, अमोघ दिवेदी, सजन गुप्ता, सुमित सक्सेना, कार्तिक सिलोदिया, सनद श्रीवासत्व, पार्थ शर्मा, दिव्यांशु शर्मा पर केस हुआ। इसमें फरियादी प्रियांश कुशवाह थे। इसके बाद अगले दिन पुलिस ने क्रास एफआईआर की और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर आवेदक दीपक दांगी की शिकायत पर केस दर्ज किया। इसमें आरोपी दीक्षांत पाटीदार, प्रियांश कुशवाह, राज उपाध्याय व मनोज जाट और अन्य को बनाय गया है। इसमें भी वही धाराएं लगाई गई है जो पहली एफआईआऱ् में 115 (2), 296, 351(2),3(5) बीएनएसस लगी है।
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