मध्यप्रदेश आया जर्मन प्रतिनिधि मंडल, 5 दिन के दौरे में खुलेंगे निवेश के रास्ते

जर्मन कंपनियों के प्रतिनिधि 18 से 22 अगस्त तक मध्यप्रदेश का दौरा करेंगे। ये कंपनियां प्रदेश के उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स के लिए निवेश और तकनीकी साझेदारी के अवसर लाएंगी। इंदौर और भोपाल में तकनीकी सेमिनार और B2B बैठकें आयोजित की जाएंगी।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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मध्यप्रदेश में 18 से 22 अगस्त 2025 तक जर्मन कंपनियों के प्रतिनिधि मंडल का दौरा शुरू हो गया है। यह दौरा प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को उजागर करेगा और मध्यप्रदेश के उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मदद करेगा।

इन कंपनियों में एआई डेटा इंटीग्रेशन, वर्क लो ऑटोमेशन, आइओटी और कनेक्टिविटी सॉल्युशंस, एंटरप्राइज सॉफ़्टवेयर, और डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग एआई तकनीक के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनियां शामिल हैं।

इस दौरे का उद्देश्य मध्यप्रदेश और जर्मनी के बीच व्यापार और नवाचार को बढ़ावा देना है। बता दें कि मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने अपने प्रवास के दौरान जर्मनी की कंपनियों और निवेशकों को न्योता दिया था।

इन जर्मन कंपनियों के आए प्रतिनिधि

इस प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख कंपनियों के सदस्य शामिल हैं, जिनमें टाइलर्स के स्टीवन रैनविक, टैलोनिक के निकोलस, स्टेएक्स के एलेक्सजेन्ड्रा के मिकीटयूक, क्यू-नेक्ट-एजी के मटियास प्रोग्चा और क्लाउड-स्क्विड के फिलिप रेजमूश शामिल हैं। ये कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी हैं और इन्हें अपनी तकनीकी क्षमता और नवाचार के लिए जाना जाता है।

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मध्यप्रदेश में निवेश की नई संभावनाएं

मध्यप्रदेश सरकार का दावा है कि जर्मन कंपनियों के इस दौरे से प्रदेश में निवेश के नए अवसर खुलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जर्मनी के निवेशकों को मध्यप्रदेश आने का न्योता दिया था, जिसके परिणामस्वरूप यह प्रतिनिधि मंडल राज्य में पहुंचा है। इस दौरे से राज्य के उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान मिलेगा और उनकी वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

इंदौर में बी2बी बैठक पर होगी चर्चा

इस दौरे के दौरान, जर्मन कंपनियों के प्रतिनिधि इंदौर में तकनीकी सेमिनार और कार्यशालाओं में हिस्सा लेंगे। वे आइआइटी इंदौर के इनक्यूबेशन सेंटर का दौरा करेंगे, जहां वे स्थानीय स्टार्ट-अप्स के साथ संवाद करेंगे। इसके बाद भोपाल में उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें बी2बी व्यावसायिक बैठकें और तकनीकी साझेदारी पर चर्चा होगी।

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जर्मन कंपनियों से भविष्य में उम्मीदें

जर्मन कंपनियों के दौरे से कई नई तकनीकी साझेदारियां और निवेश के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। विशेष रूप से एआई, आइओटी और डेटा इंटीग्रेशन के क्षेत्र में इन कंपनियों का अनुभव प्रदेश के स्टार्ट-अप्स के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है। जर्मनी निवेश सहयोग से ना केवल तकनीकी उन्नति होगी, बल्कि प्रदेश की युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के नए अवसर भी मिल सकते हैं।

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MP और जर्मनी के बीच व्यापारिक साझेदारी

मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य जर्मन कंपनियों के साथ व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करना है। जर्मनी के साथ मध्यप्रदेश की आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को और बढ़ाने के लिए इस दौरे का आयोजन किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे से मध्यप्रदेश में व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। 

FAQ

जर्मन कंपनियों का मध्यप्रदेश में क्या उद्देश्य है?
जर्मन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश में निवेश के अवसर तलाशना और राज्य के उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स और युवाओं को नई तकनीकी जानकारी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। इस दौरे से दोनों देशों के बीच व्यापार और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
इन जर्मन कंपनियों का कौन सा क्षेत्र में अनुभव है?
इन जर्मन कंपनियों का अनुभव एआई डेटा इंटीग्रेशन, वर्क लो ऑटोमेशन, आइओटी, कनेक्टिविटी सॉल्युशंस, एंटरप्राइज सॉफ़्टवेयर और डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग एआई तकनीक के क्षेत्र में है। ये कंपनियां इन क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं।
जर्मन कंपनियों के दौरे से मध्यप्रदेश को क्या लाभ होगा?
इस दौरे से मध्यप्रदेश को निवेश के नए अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य के स्टार्ट-अप्स और उद्यमियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल मिलेगा। इसके अलावा, इससे व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र में विकास होगा, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।

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