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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन हो रहा है। आज ( 25 फरवरी ) समिट का अंतिम दिन है। इस समिट में देश के जाने माने कई करोबारियों ने प्रदेश में निवेश करने की बात कही है। समिट के दूसरे दिन भी मुख्यमंत्री सीएम डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों को संबोधित किया। साथ ही मध्य प्रदेश में विकास की गंगा बहाने की बात भी कही।
मेट्रोपॉलिटन सिटी विकसित करने का विचार
इस समिट से मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास की दिशा में जो कदम उठाए जा रहे हैं, वो वाकई में प्रभावशाली और दूरदर्शी साबित हो सकते हैं। इंदौर और भोपाल के आसपास के क्षेत्रों को जोड़कर दो नए मेट्रोपॉलिटन सिटी विकसित किया जाएगा। यह न केवल राज्य के लिए, बल्कि देश के विकास के लिए भी अहम साबित हो सकता है। इस योजना से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि समग्र औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह कदम एक नई दिशा की ओर बढ़ने की ओर इशारा करता है, जिसमें कानूनी और कागजी अड़चनों को कम कर क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही, छोटे शहरों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन एक नए दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों और अधिकारियों की संलिप्तता बढ़ी है और परिणामस्वरूप उम्मीद से कहीं बेहतर परिणाम सामने आए हैं।
सीएम मोहन यादव की बड़ी बातें
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प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत उज्जैन से हुई, जो पूरे साल (चुनाव की अवधि छोड़कर) हर महीने अलग-अलग संभागों में आयोजित हुआ।
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कॉन्क्लेव छोटे शहरों जैसे उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर आदि में आयोजित किए गए, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा।
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इंदौर की बजाय भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर समिट को लेकर आश्चर्य जताया गया, लेकिन इंदौर को मुंबई और दिल्ली जैसा विकसित करने का लक्ष्य है।
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इंदौर को धार, देवास, उज्जैन जैसे औद्योगिक शहरों के साथ जोड़कर मेट्रोपॉलिटन नगर बनाया जाएगा।
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8000 किलोमीटर के दायरे में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा, कानूनी जटिलताओं से हटकर इसे इंडस्ट्रियल बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा।
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भोपाल के औद्योगिक विकास के लिए विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम जिलों को जोड़कर मेट्रोपॉलिटन नगर बनाया जाएगा।
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इन क्षेत्रों में बिजली, पानी, रेलवे, सीवेज और स्वच्छता सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
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अगले 25 सालों में इन औद्योगिक क्षेत्रों को आकार दिया जाएगा।
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ग्लोबल इंवेस्टर समिट के बाद शहरी और नगरीय विकास के विषयों पर अलग-अलग कॉन्क्लेव होंगे।
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