MP News : विदिशा में भोपाल-सागर बायपास स्थित एक रेस्टोरेंट में बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रेस्टोरेंट में स्टाफ से अभद्रता की और फिर कुछ ही देर बाद वहां की बिजली गुल हो गई। जीएम वहां सरकारी गाड़ी में बीयर पीते हुए पहुंचे थे और जाते ही रेस्टोरेंट में नशे की हालत में हंगामा करने लगे। उन्होंने स्टॉफ से बहस की और खाना न देने की बात पर बिजली कटवा दी।
सरकारी गाड़ी में पहुंचे अधिकारी, हाथ में बीयर की कैन
प्रत्यक्षदर्शियों और रेस्टोरेंट प्रबंधन के मुताबिक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जीएम (महाप्रबंधक) अंकुर सेठ 3 जून की रात करीब 12 बजे रेस्टोरेंट में पहुंचे। वे खुद वाहन चला रहे थे और उनके हाथ में बीयर की कैन थी। उन्होंने सीधे किचन स्टाफ से ऑर्डर देने की मांग की, जबकि इस समय तक किचन बंद हो चुका था।
स्टाफ को दी धमकी- मालिक को समझाओ, वरना हम समझा देंगे
जब स्टाफ ने विनम्रता से देर रात ऑर्डर देने में असमर्थता जताई, तो अधिकारी नाराज हो गए। आरोप है कि उन्होंने कर्मचारियों को धमकी भरे लहजे में कहा कि वे जब तक चाहें, होटल में बैठेंगे, और होटल मालिकों को च्सीखज् देने की बात भी कही।
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बिजली कटने की घटना से गहराया शक
कुछ ही मिनटों के भीतर रेस्टोरेंट की बिजली अचानक बंद हो गई। संचालकों का आरोप है कि यह कोई सामान्य फॉल्ट नहीं, बल्कि एक च्च्बदले की कार्रवाई थी। आधे घंटे के भीतर बिजली दोबारा बहाल की गई, लेकिन इस दौरान ग्राहकों और स्टाफ को भारी असुविधा हुई।
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सीसीटीवी फुटेज बना सबूत
रेस्टोरेंट के मालिकों—विनीत दांगी और संतोष रघुवंशी—ने इस पूरी घटना की शिकायत जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर की है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरी घटना के वीडियो फुटेज उनके पास सुरक्षित हैं, जिनमें अधिकारी की गतिविधियां साफ देखी जा सकती हैं।
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फुटेज क्यों है महत्वपूर्ण?
- यह घटना के हर पहलू को स्पष्ट करता है
- न्यायिक कार्रवाई में मददगार साबित हो सकता है
- सरकारी पदधारियों की जवाबदेही तय करने का आधार बन सकता है
तकनीकी खराबी थी, जानबूझकर कुछ नहीं किया
जब जीएम अंकुर सेठ से इस घटनाक्रम को लेकर सवाल पूछे गए, तो उन्होंने आरोपों को सिरे से नकार दिया। उनका कहना था कि रेस्टोरेंट की बिजली कटने के पीछे ट्रांसफार्मर की तकनीकी खराबी जिम्मेदार थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ट्रांसफार्मर की बुशिंग लाल हो रही थी, जिससे दुर्घटना की आशंका थी। महज 10 मिनट में बिजली बहाल कर दी गई थी।
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प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
बावजूद इसके कि शिकायत कलेक्टर को सौंपी गई है, अब तक कोई आधिकारिक जांच शुरू नहीं हुई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कोई वरिष्ठ अधिकारी, जो सरकारी गाड़ी चला रहा हो, शराब सेवन कर सकता है? और क्या उसकी व्यक्तिगत नाराजगी के चलते किसी संस्थान की बिजली काटी जा सकती है?
सीसीटीवी फुटेज आए सामने | सीसीटीवी फुटेज वायरल